लखनऊ। भारतीय सवर्ण संघ की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई और बैठक का मुख्य विषय “भारतीय समाज में सद्भावना व समानता का अवसर” था। बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारतीय सवर्ण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व डीजीपी आद्या प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि समाज में सद्भावना तभी व्याप्त हो सकती है जब सभी भारतीयों को समान अवसर प्राप्त हो।
आज समाज में सरकार की भेदकारी आरक्षण की नीतियां ही जिम्मेदार हैं, जो समाज में असमानता फैला रही हैं। और जिसका दुष्परिणाम हम जातीय विद्वेष के रूप में देख रहे हैं। बैठक में संघ के राष्ट्रीय महासचिव साधू तिवारी ने कहा कि आज सरकारें सनातनी हिन्दू मन्दिरों का अतिक्रमण/विध्वंस कर रही हैं जिसको अविलंब रोकने की आवश्यकता है।
उन्होंने सरकार से यह भी मांग किया की सनातनी हिन्दू मन्दिरों में चढ़ाया गया धन सनातन मन्दिरों के जिर्णोद्धार, वेद विद्यालयों की स्थापना व उनके संरक्षण, विभिन्न देवालयों में कार्यरत पुजारियों के कल्याणार्थ ही व्यय हो वह अन्य किसी भी मद में खर्च न किया जाए।
बैठक में राष्ट्रीय संस्थापक दण्डी रामदेवानन्द सरस्वती ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सनातन के समृद्ध हुए बिना सामाजिक सद्भाव स्थापित नहीं किया जा सकता।
बैठक का संचालन राजेश कुमार पांडेय राष्ट्रीय अध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ ने करते हुए सभी पधारे हुए पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में मुख्य रूप से राष्टीय उपाध्यक्ष एस. वी. वी. प्रसाद शर्मा छत्तीसगढ़, केंद्रीय कार्यालय प्रमुख पंकज शर्मा,
प्रदेश अध्यक्ष महाराष्ट्र अशोक रामलिंग ढाले, राष्ट्रीय सलाहकार आशुतोष त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड बी. जी. एस. राणा, राष्ट्रीय सलाहकार विधि प्रदीप सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गुजरात विमल मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष उ०प्र० विधि ए. के.दीक्षित, प्रदेश अध्यक्ष मुलगड शिव रामकृष्ण, राष्ट्रीय सलाहकार डी. एम. पांडेय एवं राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश खंडेलवाल ने अपने विचार व्यक्त किए और भारतीय सवर्ण संघ की आगे की रणनीति तैयार करने हेतु मंथन किया।