नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने Security clearance सिक्योरिटी क्लीयरेंस के उस नियम में बदलाव कर दिया है। जिसके तहत विदेशी निवेश से जुड़े सभी आवेदन पहले गृह मंत्रालय के पास आते थे। जिसके बाद गृह मंत्रालय विदेशी निवेश से जुड़े सभी प्रस्ताव पर सिक्योरिटी क्लीयरेंस देता था।
वाणिज्य मंत्री से Security clearance की अनुमति
अब Security clearance के लिए केवल वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु की अनुमति जरूरी होगी । मोदी सरकार ने एक ही रात में ही बदल दिया वर्षों पुराना नियम
केंद्र की डवकप सरकार ने वर्षों से चल रहे इस पुराने नियम को एक ही रात में ही बदल दिया है।
- इस बदलाव के बाद अब किसी भी विदेशी निवेशक को गृह मंत्रालय की हरी झंडी का इंतजार नहीं करना होगा।
- अब विदेशी निवेश से जुड़े सभी मामले सिक्योरिटी क्लीयरेंस के लिए।
- केवल वाणिज्य मंत्री के अधीन आने वाले डिपार्टमेन्ट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन के पास ही आएंगे।
- इस विभाग की अनुमति के बाद कोई भी निवेशक आसानी से भारत में निवेश कर सकेगा।
- अब इसके लिए किसी अन्य मंत्रालय की क्लीयरेंस की जरूरत नहीं है, लेकिन कंट्री ऑफ कंसर्न से जुड़े हैं।
- जितने भी मामले सिक्योरिटी क्लीयरेंस के लिए आएंगे।
- उनके निदान से संबंधित प्रशासनिक विभाग और मंत्रालय ही होगा।
- इस तरह से अब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर काटने की तैयारी हो रही है।
- मोदी सरकार के इस फैसले से जहां वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु का कैबिनेट में रुतबा बढ़ जायेगा।
- तो वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ का कद घटना तय माना जा रहा है।
- इससे पहले भी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर काटने की तैयारी पीएम मोदी कर चुके हैं।
- लेकिन हर बार उनकी कोशिश राजनाथ के आगे फेल हो जाती थी।