कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था को बचाने और आम लोगों को राहत देने के लिए RBI गवर्नर ने बड़ा ऐलान किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था रिकवरी मोड में है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर अर्थव्यवस्था में चिंताएं बढ़ सकती है, इसीलिए RBI ने बैंकों को कोविड लोन बुक बनाने के लिए कहा है। बैंकों को 3 साल के लिए रेपो रेट पर पैसा मिलेगा। अगर आसान शब्दों में कहें तो 4 फीसदी ब्याज दर पर उन्हें पैसा मिलेगा। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे में छोटे बिजनेसमैन को बड़ा फायदा होगा। उन्हें अब सस्ती दरों पर पैसा मिल जाएगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। कोरोना संकट में पिछले साल देखने को मिला था कि छोटे कारोबारियों के पास कामकाजी खर्च खत्म हो गया था। ऐसे में वो सैलरी भी नहीं दे पा रहे थे, इसीलिए बैंकर्स ने RBI से इस पर कदम उठाने के लिए कहा था।
एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के अनुसार अब कमजोर सेक्टर को कर्ज देने में आरबीआई मदद करेगा। बैंक अपनी बैलेंस शीट में कोविड लोन बुक बनाएंगे। बैंक अपनी कोविड बुक के बराबर ही रकम रिजर्व बैंक के पास जमा कर सकते हैं और इसके बदले बैंकों को रेपो रेट से 0.40 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा। अगर आसान शब्दों में कहें तो बैंक RBI से बैंक 4 फीसदी की ब्याज दर पर पैसा लेंगे। इसे आगे छोटे बिजनेसमैन को सस्ती दरों पर देंगे। अगर उनके पास जो पैसा बचा रह जाता है तो उसे ये RBI को वापस देकर 0.40 फीसदी ज्यादा पा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सीधे तौर पर इसका कोई खास असर आम ग्राहकों पर नहीं होगा, लेकिन कंपनियों के पास कामकाजी खर्च की कोई परेशानी नहीं होगी तो उनका धंधा चलता रहेगा। लिहाजा नौकरियों पर कोई संकट नहीं आएगा।
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) में डाल दिया है। इसका मतलब साफ है कि इन्हें अब सस्ती दरों पर आसानी से कर्ज मिल जाएगा। इसके अलावा RBI ने स्मॉल फाइनेंस बैंक और छोटी कंपनियों को भी स्पेशल विंडों के तहत 10 हजार करोड़ रुपये दिए है, ताकि छोटे कारोबारियों को आसानी से कर्ज मिल सके।