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भाजपा के लिए आसान नहीं होगा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होना

औरैया। अभी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के निर्वाचन की घोषणा नहीं हुई है पर औरैया जिले में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जोड़-तोड़ एवं मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने अपने व समाजवादी विचारधारा वाले सदस्यों को बचाये रखने के लिए अभी से पूरा जोर दिया हैं। वैसे संख्या बल के आधार पर सत्तारूढ़ दल के लिए अध्यक्ष पद पर काबिज हो पाना आसान नजर नहीं आ रही है।

पिछले दिनों सम्पन्न हुए जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में आये परिणामों के अनुसार जिले के 23 पदों में समाजवादी पार्टी के 10, भारतीय जनता पार्टी के 05, बहुजन समाज पार्टी के 04 एवं 04 सदस्य निर्दलीय जीते हैं। निर्दलीय सदस्यों में चारों समाजवादी विचारधारा के हैं, अभी तक जिनका झुकाव सपा के ही प्रति दिख रहा है पर सत्तारूढ़ भाजपा इन चारों सदस्यों पर अपनी पैनी निगाह लगाए हुए है।

औरैया जिले में अध्यक्ष का पद अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण सपा ने अनुसूचित वर्ग के जीते अपने छह सदस्यों में से भाग्यनगर तृतीय से चुनाव जीते रवी त्यागी दोहरे को अध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। यहां पर भाजपा से अनुसूचित वर्ग का केवल एक प्रत्याशी कमल सिंह दोहरे चुनाव जीता है इसके बावजूद पार्टी ने अभी तक अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। जबकि बसपा से अनुसूचित वर्ग की दो महिला सदस्य वंदना गौतम व निशा राय दोहरे ने सदस्य पद का चुनाव जीता है, इसके बावजूद बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी या किसी अन्य का समर्थन करेगी।

सदस्यों के जातीय आंकड़े के आधार पर सपा के 10 सदस्यों में छह अनूसूचित जाति, तीन यादव व एक मुस्लिम है। भाजपा के पांच सदस्यों में दो क्षत्रिय, एक ब्राह्मण, एक प्रजापति व एक अनुसूचित वर्ग से है। बसपा के चार सदस्यों में दो अनुसूचित वर्ग, एक पाल व एक यादव है। चार निर्दलियों में तीन यादव व एक लोध राजपूत है। जिस आधार पर राजनीतिक जानकारों को अध्यक्ष पद पर सपा की जीत आसान लग रही है पर भाजपा किसी भी कीमत पर जिले में अपना अध्यक्ष बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटी होने के साथ जोड़-तोड़ की गणित‌ बनाने में लगी है। भाजपा के स्थानीय नेता बसपा‌ व निर्दलीय सदस्यों को अपने साथ जोड़ कर हर कीमत पर अपना अध्यक्ष बनाने को प्रयासरत हैं।

सपा नेता भी अपने सदस्यों की रखवाली के साथ समाजवादी विचारधारा वाले सभी निर्दलीय सदस्यों के सम्पर्क में रहने के साथ बसपा के सदस्यों को भी अपने साथ जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। जिससे ये कहा जा सकता है कि सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अध्यक्ष पद पर काबिज हो पाना दूर की कौड़ी नजर आ रही है।

जिले में जिला पंचायत सदस्य के रूप में बिधूना प्रथम से कमल सिंह दोहरे भाजपा, द्वितीय से अवनेश कुमार चक्रवर्ती सपा व तृतीय से गोमती देवी बेरिया सपा, एरवाकटरा प्रथम से अखिलेश यादव कल्लू निर्दलीय, द्वितीय से सरोज यादव सपा व तृतीय से शैलेन्द्र यादव निर्दलीय, अछल्दा प्रथम से भरत दोहरे खन्ना सपा, द्वितीय से विमला देवी दोहरे सपा व तृतीय से ऊषा दिवाकर सपा, अजीतमल प्रथम से निशा राय दोहरे बसपा, द्वितीय से विश्वजीत सिंह सेंगर सोनू भाजपा व तृतीय से बृजराज किशोर उर्फ आशू पाल बसपा, औरैया प्रथम से वन्दना गौतम बसपा, द्वितीय से कर्मवीर सिंह कुशवाह भाजपा, तृतीय से प्रियंका दुबे भाजपा व चतुर्थ से गुलनाज बेगम सपा, भाग्यनगर प्रथम से आकांक्षा यादव निर्दलीय, द्वितीय में बलवीर राजपूत निर्दलीय, तृतीय से रवि त्यागी दोहरे सपा व चतुर्थ से धर्मेन्द्र यादव सपा एवं सहार प्रथम से वासुदेव प्रजापति भाजपा, द्वितीय से अंकुल यादव उर्फ अर्पित बसपा व तृतीय से रुबी देवी यादव सपा से चुनाव जीतीं है।

शिव प्रताप सिंह सेंगर

 

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