लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का असर है कि देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य में घर-घर सरकार पहुंची है। देश में सबसे ज्यादा साढ़े पांच करोड़ टेस्ट और लोगों को ढाई करोड़ टीका लगाने वाला दूसरा राज्य यूपी बन गया है। अब तक कुल 5,50,00,515 नमूनों की जांच हुई है और लोगों को 2,50,83,802 टीके की डोज दी गई है। इसके अलावा करीब एक लाख राजस्व गांवों में 72 हजार निगरानी समितियों ने घर-घर जाकर 17,21,51,440 लोगों की स्क्रीनिंग की है।
सीएम योगी का कोरोना नियंत्रण का यूपी मॉडल देश में सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। इसकी मूल वजह यह है कि सरकार ने समय रहते संक्रमण को नियमित करने के लिए सटीक कदम उठाए। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट फार्मूले के कारण प्रदेश में सबसे ज्यादा टेस्ट के बावजूद कोरोना संक्रमण के केस घटे हैं। अप्रैल में आशाओं ने घर-घर जाकर करीब 10 लाख और मई में शहरी क्षेत्रों में 12,955 और ग्रामीण क्षेत्रों में 58,194 निगरानी समितियों ने चार चरणों में करीब 68 लाख निशुल्क दवाईयां बांटीं हैं। इसके अलावा पहली और दूसरी लहर में करीब 27 लाख लोगों को निशुल्क आयुष किट दिया गया है। साथ ही वर्चुअल माध्यम से 64 हजार लोगों ने योगाभ्यास किया है।
सीएम हेल्पलाइन ने टीके की दूसरी डोज नहीं लेने वाले 16,656 लोगों को किया फोन
प्रदेश सरकार की ओर से दिसम्बर तक 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी प्रदेशवासियों को टीका लगाने की योजना है। इसके लिए करीब 66 सौ से अधिक केंद्रों पर निशुल्क विशेष टीकाकरण महाअभियान चल रहा है। प्रदेश में अब तक लोगों को 2,50,83,802 डोज टीके की दी गई है। कल एक दिन में 4,60,358 डोज टीके की दी गई है। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को 1,62,94,048 और 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को 55,62,528 डोज टीके की दी गई है। सीएम हेल्पलाइन ने एक दिन में 40,454 लोगों से बात की है, इसमें 16,656 लोग ऐसे थे जिन्होंने टीके की दूसरी डोज नहीं ली थी, उन्हें प्रेरित किया है।
करीब सवा लाख मेडिसिन किट निशुल्क दी जा रहीं
संभावित तीसरी लहर को देखते हुए पहले से ही युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। जिसके तहत 50 लाख से अधिक बच्चों को निशुल्क दवाएं दी जाएंगी। इसके लिए प्रथम चरण में 17 लाख किटें जिलों में भेजी गईं हैं। 18 साल से कम आयु के लक्षण युक्त बच्चों के लिए चार वर्गों (0-1, 1-5, 5-12 और 12-18 साल) में अलग-अलग दवाई किट दी जा रही है। ऐसे ही वयस्कों के लिए भी हर निगरानी समिति को 100 किटें देने के लिए 71 लाख मेडिसिन किटें भेजी गईं हैं।
डब्ल्यूएचओ के मानक से करीब साढ़े आठ गुना ज्यादा टेस्ट हुए यूपी में
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 2,73,426 नमूनों की जांच में सिर्फ 294 नए मामले आए हैं, जबकि 592 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। रिकवरी रेट बढ़कर 98.4 फीसदी हुआ, पाजिटिविटी दर घटकर 0.1 फीसदी पहुंचा है। यूपी में जितने कुल सक्रिय केस हैं, दूसरे राज्यों में रोज आ रहे इससे ज्यादा नए केस आ रहे हैं। यूपी में कुल एक्टिव केस की संख्या 4957 है।
आपदा काल में प्रदेश के हर व्यक्ति के साथ खड़ी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार
देश के अन्य राज्यों में पूर्णत: लॉकडाउन लगाया था, लेकिन यूपी मॉडल में आंशिक कोरोना कर्फ्यू में उद्योगों का पहिया भी घूमता रहा, किसानों और जरूरतमंदों का भी ख्याल रखा गया है। सरकार गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क राशन से लेकर गुजारा भत्ता दे रही है। सीएम योगी ने 23 लाख श्रमिकों को 230 करोड़ रुपए श्रमिकों के सीधे अकाउंट में भेजे हैं। ऐसे ही प्रदेश के 14.71 करोड़ लाभार्थियों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है। ‘‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’’ के तहत नवम्बर तक राशन पात्रों को निशुल्क दिया जाएगा। जबकि योगी सरकार भी 20 जून से पात्रों को मुफ्त राशन देगी। सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि एक भी जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे, राशन कार्ड न हो, तो तत्काल बनाएं। इसके अलावा प्रदेश में 565 कम्यूनिटी किचन से गरीबों और जरूरतमंदों को अब तक करीब 13 लाख फूड पैकेट दिए गए हैं।
किसानों पर मेहरबान सरकार, करीब डेढ लाख करोड़ का किया भुगतान
किसानों के हितों को संरक्षित करते हुए कोरोना काल में भी गेहूं खरीद की जा रही है। देश में पहली बार किसान ही किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं, इसके लिए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से खरीद कराई जा रही है। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से ज्यादा खरीद की गई है। प्रदेश में 55.81 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद हुई है और करीब 13 लाख किसानों को साढ़े नौ हजार करोड़ का भुगतान किया गया है। सरकार ने गन्ना मूल्य भुगतान में रिकार्ड बनाया है और 2017 से अब तक चीनी मिलों ने 1,40,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया है।