लखनऊ। महामारी काल में पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों और महंगाई को मुद्दा बनाते हुए लोकदल के राष्ट्रिय अध्यक्ष सुनील सिंह ने केंद्र सरकार को आदेश हाथों लिया है। उन्होंने कहा, दिल्ली की प्रतीक पहचान रही मजबूत इमारतों को तोड़कर पीएम मोदी महल सहित सेन्ट्रल विस्टा बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये फूंकने की बात पर विभिन्न प्रकार के मुद्दों को सामने लाकर भाजपा हमेशा की तरह ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।
श्री सिंह ने कहा, अब जबकि कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंकाओं के बीच डेल्टा वैरिएंट की पहचान हो गयी है। सरकार ने जनता को किसी भी तरह की राहत देने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने कहा देश में इस महामारी से करीब 50 लाख से ज्यादा मौतें हुयी हैं। गुजरात से लेकर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में मौतों की असली संख्या को छुपाने के आपराधिक रवैया पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि सरकारी आंकड़ा अभी 4 लाख तक भी नहीं पहुंच पाया है।
लोकदल का कहना है इस बार जनता झांसे में आने वाले नही है। जिस तरह दर्द जब हद से गुजरता है तो उसका उपचार हो जाता है। जिस तरह काठ की हांड़ी बार बार नहीं चढ़ती, उसी तरह अब जनता ‘चाल-चरित्र-चेहरे’ की बात करने वाली भाजपा के छल-छद्म और कपट को समझ चुकी है। जिसका परिणाम बंगाल की जनता ने दिखा दिया है। घर के कमाने वालों की मौतों के चलते लाखों परिवारों को दो जून की रोटी खाने और जिंदगी बचाने के लाले पड़े हों, लाखो बच्चे-बच्चियां अनाथ और बेसहारा हो गए हों, देश की सरकार के पास आपदा के शिकार जनता को राहत और मुआवजे के रूप में देने के लिए अठन्नी तक नहीं है।
लेकिन देश में लुटेरी सरकार के कमाई की बाढ़ आयी हुयी है। अम्बानी की दौलत का 90 करोड़ और अडानी की सम्पदा का 120 करोड़ रुपया प्रति घंटा तक पहुंच गया है। स्विस बैंक की तिजोरियों बीस हजार करोड़ से लबालब भरी हैं। पेट्रोल-डीजल के टैक्स में सरकार की एकतरफा लूट जारी है। टैक्स का 98% हिस्सा खुद सरकार ले लेती है और राज्यों के हिस्से सिर्फ 2% शेष रहता है। लेकिन असल मुद्दों को भटकाने में माहिर भाजपा के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है।