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प्रधानमंत्री की निर्वाचन क्षेत्र यात्रा

कोरोना की दूसरी लहर के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र की यात्रा कर रहे है। दूसरी लहर के दौरान उन्होंने काशी के लोगों से वर्चुअल संवाद किया था। इसके पहले गत वर्ष वह काशी की यात्रा पर आए थे। उस समय उनकी काशी यात्रा सुशासन व संस्कृति दोनों रूपों में महत्वपूर्ण थी। तब उन्होंने क्रूज द्वारा गंगा जी की यात्रा की थी। श्री विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक किया था। वह सारनाथ भी गए थे। सुशासन के अंतर्गत अनेक विकास योजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास किया था। इस बार भी उनकी यात्रा काशी के विकास की दृष्टी से महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनसुविधाओं की 1582.93 करोड़ की एक सौ बयालीस योजनाओं लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे।प्रधानमंत्री कऱीब 744.02 करोड़ की पूरी हो चुकी योजनाओं का लोकार्पण करेंगे और 838.91 करोड़ की योजनाओं शिलान्यास करेंगे। भारत जापान मैत्री का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का भी लोकार्पण होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नियमित रूप से विकास परियोजनाओं की समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करते हैं। विगत वर्षों में अठारह हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के माध्यम से वाराणसी का विकास कराया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार वाराणसी में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। वाराणसी पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बन रहा है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेण्टर तथा लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर हाॅस्पिटल द्वारा जनता को सेवा प्रदान की जा रही है। बीएचयू में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, डेढ़ सौ शैय्या का सुपर स्पेशियलिटी ईएसआईसी अस्पताल बना है। आयुर्वेदिक काॅलेज का निर्माण, जिला महिला चिकित्सालय में सौ शैय्या की मैटरनिटी विंग की स्थापना आदि के कार्य हुए। रामनगर में  लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को उच्चीकृत किया गया है। वाराणसी सहित पूर्वांचल के किसानों के लिए अनेक सुविधाएं यहां विकसित की गई हैं। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान,चार लाख लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी, पेरिशबल कार्गो सेण्टर, कपसेठी में सौ मीट्रिक टन के गोदाम का निर्माण आदि शामिल है। इस वर्ष पहली बार वाराणसी से फल, सब्जियां विदेश निर्यात की गयीं।

जनपद वाराणसी में एक सौ दो नए गो आश्रय स्थल स्थापित किए गए। कनेक्टिविटी विस्तार वाराणसी की कनेक्टिविटी को बेहतर करना केन्द्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। बाबतपुर हवाई अड्डे से नगर को जोड़ने वाला मार्ग वाराणसी की नई पहचान बना है। इसके अलावा,वाराणसी रिंगरोड फेज वन चैकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर,बलुवा घाटपर गंगा सेतु,गंगा नदी के सामने घाट पर पुल निर्माण,मण्डुवाडीह रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर का निर्माण, पंचकोसी मार्ग के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य भी सम्पन्न हुआ। लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दो पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज का लोकार्पण होने के बाद यहां सेवाओं का और विस्तार सम्भव हो गया है। छह वर्ष पहले वाराणसी से प्रतिदिन बारह फ्लाइट्स उपलब्ध थीं। वर्तमान में इससे चार गुना अधिक फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। वाराणसी में सड़कों का कायाकल्प दिखायी दे रहा है। सड़क के साथ-साथ वाॅटरवेज़ कनेक्टिविटी में भी वाराणसी एक माॅडल के तौर पर विकसित हो रहा है। यहां देश का प्रथम वाॅटर पोर्ट बन चुका है।

सौन्दर्यीकरण पर्यटन एवं सौन्दर्यीकरण कार्याें के अन्तर्गत काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम परियोजना,मान महल में आभासीय संग्रहालय सारनाथ में लाइट एण्ड साउण्ड शो,सारनाथ आडीटोरियम में साज सज्जा,मारकण्डेय महादेव घाट निर्माण व विभिन्न स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था आदि कार्य सम्मिलित हैं। गंगा घाटों की स्वच्छता और सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया।

वाराणसी में नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाया गया है। गंगा नदी में डाॅल्फिन दिखने लगी है। विद्युत आपूर्ति एवं सुधार के तहत पुरानी काशी एवं नयी काशी में आईपीडीएस योजना के अन्तर्गत अन्डर ग्राउण्ड केबल डालकर,झूलते व जर्जर बिजली तारों का जाल खत्म किया गया। काशी की गलियों को भी संवारा गया है। छोटी एलईडी लाइट की स्थापना से गलियों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था हुई है। उद्योग एवं रोजगार के अन्तर्गत पं दीनदयाल हस्तकला संकुल का निर्माण,अटल इन्क्यूबेशन सेण्टर, मालवीय एथिक सेण्टर, मल्टी मोडल टर्मिनल आदि का निर्माण कराया गया। बीएचयू में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई है। आईआईटी, बीएचयू में सुपर कम्प्यूटिंग सेण्टर परम शिवाय स्थापित किया गया है। इससे नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन को गति मिली हैं। नरेंद्र मोदी वाराणसी से हंडिया तक छह लेन सड़क का लोकार्पण किया था। काशी में यातायात के लिए रोड,रिंग रोड,और कई आरओबी बन रहे हैं।

पार्किंग की सुविधा, श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसे अनेकों काम से शहर का कायाकल्प हो रहा है। भारत जापान मैत्री का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का भी लोकार्पण होगा। इस मौके पर जापान के प्रतिनिधि मौज़ूद रहने की सम्भावना है। रुद्राक्ष के उद्घाटन पर जापान के प्रधानमंत्री का ऑडियो विजुअल सन्देश सुनाए जाने की भी सम्भावना है। शिव लिंग के आकार रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर जापान के मदद से बना है जिसकी लागत एक सौ छियासी करोड़ है। रुद्राक्ष को भारतीय और जापानी शैली में सजाया जाएगा। इसके लिए जापानी फूल,जापानी हांथ के पंखे,जैपनीज़ बम्बू आदि का प्रयोग किया जाना है।

केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट सिपेट का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर सीएसटीसी का शिलान्यास करेंगे। सीएसटीसी के बनने से पूर्वांचल में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के उद्घाटन से अब पूर्वांचल के लोगों को चेन्नई और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा,सस्ते में वाराणसी में ही इलाज हो पाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मजबूत करने के लिए मोदी एमसीएच समेत कई योजनाओ का भी उद्घाटन करेंगे। काशी की कला और संस्कृति को देखने के लिए कल्चरल अपलिफ्टमेंट के तहत शहर में लगे छह एलईडी टीवी का,घाटों की जानकारी देने वाले कई तरह के साइनेज का उद्घाटन भी होना है। पेयजल और स्वास्थ्य सम्बंधित कई योजना भी सम्मलित हैं। वहीं वाराणसी को जाम से निजात दिलाने के लिए मोदी गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग व आशापुर आरओबी का भी लोकार्पण करेंगे। जाहिर है कि नरेंद्र मोदी की काशी यात्रा अनेक सन्दर्भों में महत्वपूर्ण साबित होगी।

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