Delhi sealing : एक तरफ जहाँ देश की राजधानी में व्यापारियों का विरोध चल रहा वही अब राजनीतिक दल भी इसमें कूद पड़ा है। एक तरफ जहाँ व्यापारियों ने 13 मार्च को दिल्ली बंद का ऐलान किया है वही दिल्ली के मुख्यमंत्री भी इस घमासान में भूख हड़ताल का एलान कर दिया है।
क्यों हो रहा Delhi sealing
बता दें दिल्ली में किसी भी निर्माण कार्य के लिए वहां के एमसीडी की इजाजत लेनी ज़रूरी है लेकिन यहां कुछ धोखाधड़ी के चलते बिना परमिशन कई अवैध निर्माण हुए हैं।
मामला तब से गरमाया जब 2005 में अवैध निर्माण का मामला दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। परिणाम स्वरुप सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने का आदेश दे दिया।
वहीँ दूसरी तरफ व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों को कन्वर्जन चार्ज जमा करने का विकल्प। लेकिन पूरी तरह ये भी सफल न हुआ।अब ऐसे में कोर्ट के आदेश के मुताबिक अवैध दुकानों या प्रॉपर्टी को सील किया है।
व्यापारियों का सीलिंग के चलते हुए नुकसान :केजरीवाल
पिछले कई महीनो से दिल्ली में सीलिंग काफी तेजी से हो रही है। इससे व्यापारी वर्ग का भी काफी नुकसान हुआ ऐसा दिल्ली के व्यापारियों का कहना है।
साथ ही अब कई राजनीतिक दाल भी अब इनका समर्थन कर रहे।
वहीँ दिल्ली के सीएम केजरीवाल का कहना है की केंद्र सरकार संसद में इस बिल को पेश करे।
31 मार्च को भूख हड़ताल :केजरीवाल
व्यापारियों ने हाल ही में 100 से ज्यादा दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने एक बैठक बुलाई और इसमें 13 मार्च को दिल्ली बंद का फैसला लिया। सीलिंग के विरोध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 31 मार्च तक का समय दिया है। उन्होंने कहा की अगर मार्च के अंत तक सीलिंग न रुकी या इसका हल न निकला तो वो 31 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।