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किसान कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को कृषि व किसान कल्याण से संबंधित विषयों की गहन जानकारी है। वह समय समय पर इनसे जुड़े कार्यक्रमों में सहभागिता करती है। इस दौरान उनका ध्यान कृषि आय बढ़ाने और किसानों का जीवन स्तर ऊंचा करने पर रहता है। इसके दृष्टिगत वह उपयोगी सुझाव भी देती है। पहले भी वह जैविक कृषि को बढ़ावा देने का आह्वान करती रही है। जिससे लागत में कमी और लाभ में वृद्धि की जा सकती है।

इसके अलावा ऐसा कृषि उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद होता है। इसी के साथ वह पशुपालन के लिए भी किसानों को प्रेरित करती है। कृषि व पशुपालन परस्पर पूरक होते है। इससे भी किसानों को लाभ होता है। इसके अलावा आनन्दी बेन पटेल तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हित में मानती है। इसमें किसानों का लाभ समाहित है।

आनन्दी बेन ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ दिलवाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई है। उनका कई चरण में अमल हो रहा है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी, रियायती दर पर खाद, बीज और दवाइयों की उपलब्धता, जिला और तालुका स्तर पर अनाज बेचने के लिए मंडियो की व्यवस्था आदि शामिल हैं।

आनंदीबेन पटेल ने राजभवन लखनऊ से ऑनलाइन उदयभाण सिंह जी क्षेत्रीय प्रबंध संस्थान,गांधीनगर गुजरात के पीजीडीएम एवं एबीएम के प्रवेश सत्र का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में खेती का महत्वपूर्ण योगदान है।

भारत के उद्योग जगत से लेकर कृषि के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तक खेती महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हमारे देश में सभी की जरूरतों के लिए अनाज,दलहन, खाद्य तेल,दूध,मछली इत्यादि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

पूरे विश्व का लगभग पच्चीस प्रतिशत अनाज का उत्पादन भारत में होता है। राज्यपाल ने कहा कि भारत ने पूरे विश्व को दूध उत्पादन और विपणन के क्षेत्र में अमूल मॉडल दिया है। अमूल मॉडल पर आधारित ग्रामीण रोजगार की गतिविधि विकासशील और अविकसित देशों के लिए वरदान साबित हो रही है।

कम्प्यूटर केन्द्र का लोकार्पण

आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में स्थापित कम्प्यूटर केन्द्र का लोकार्पण किया। साथ ही राजभवन परिसर में रह रहे बच्चों के लिये कम्प्यूटर प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया। इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक बार में बीस बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। प्रशिक्षण के लिये समय सारणी बनायी जायेगी।

प्रत्येक विद्यार्थी को आवंटित समयानुसार ही प्रशिक्षण केन्द्र पर उपस्थित होना होगा। प्रत्येक तीन माह बाद परीक्षा का आयोजन भी किया जायेगा। सौ रुपये मासिक शुल्क का संग्रह एवं लेखा जोखा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बच्चों द्वारा ही किया जायेगा।

राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि आप लोग अनुशासित रहकर ध्यानपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करे, यदि कोई कठिनाई हो तो प्रशिक्षकों से संवाद स्थापित कर उसका निराकरण करायें। आप सब में सीखने की ताकत व हौसला है। इसलिये आगे बढ़ने का संकल्प करें। इसके अलावा आनन्दी बेन पटेल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को देखने पीजीआई गई। उन्होंने कल्याण सिंह के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।

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