लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने बताया कि 25 जुलाई 2021 को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक परिषद कार्यालय जियामऊ लखनऊ में होगी। बैठक में संयुक्त परिषद की अन्य मांगों के साथ साथ स्वास्थ्य एवम् खाद्य रसद विभाग द्वारा किए गए नीति विरुद्ध स्थानांतरण पर कार्यवाही के लिए रूपरेखा भी तय की जाएगी।
उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव के आधिकारिक ईमेल आईडी पर 17 जुलाई को एक पत्र प्रेषित कर स्वास्थ्य विभाग मे स्थानांतरण में हुई अनियमितता से अवगत कराते हुए गलत स्थानान्तरणों को दुरुस्त करने की मांग किया था। इसी बीच विभाग के लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारी अपने संवर्ग की स्थानांतरण सूची को रद्द कराने के लिए आंदोलन पर चले गए।
जे एन तिवारी ने बताया कि स्वास्थ विभाग में पैरामेडिकल संवर्ग विशेषकर सीनियर लैब टेक्नीशियन के समायोजन में कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं किया गया है। कर्मचारियों का समायोजन मध्य सत्र में आसपास के जनपदों में करने के बजाय दूरस्थ जनपदों में कर दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में रोष है ।लिपिकीय संवर्ग की स्थानांतरण सूची में भी अनियमितता है।
महानिदेशक, निदेशक पैरामेडिकल एवं निदेशक प्रशासन के स्तर से जारी की गई स्थानांतरण सूचियों में 15 जून 2021 के स्थानांतरण आदेश के साथ पठित स्थानांतरण नीति 29 मार्च 2018 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया है। स्थानांतरण नीति के अनुसार 20% कर्मचारियों के ही स्थानांतरण करने की छूट विभागों को दी गई है परंतु स्वास्थ्य विभाग में किए गए विभिन्न संवर्गो के स्थानांतरण में शासन की इस नीति की पारदर्शिता नहीं दिखाई पड़ती है। किसी संवर्ग में यह सीमा 20% से अधिक है तो किसी संवर्ग में नीतिगत स्थानांतरण हुए ही नहीं है।
पति पत्नी को एक स्थान पर समायोजित करने, आपसी सहमति से स्थानांतरण किए जाने, विकलांग कर्मियों अथवा ऐसे कर्मी जिनके आश्रित परिवारी जन विकलांग है ,उनको स्थानांतरण से छूट प्रदान की गई है, पर स्थानांतरण सूचियों में ऐसे कर्मचारियों को भी हटाया गया है। स्थानांतरण नीति के प्रस्तर 13अधीन संगठनों के अध्यक्ष मंत्री जिनमें जनपद जनपद शाखाओं के भी अध्यक्ष मंत्री शामिल है ,को उनके पद धारण करने की तिथि से 2 वर्ष के लिए स्थानांतरण नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग द्वारा जारी की गई स्थानांतरण सूचियों में स्थानांतरण नीति 2021_ 2022 के इस सिद्धांत का अनुपालन भी नहीं किया गया है।
तिवारी ने स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्ग के स्थानांतरण सूचियों को शासन स्तर पर मगर उसकी जांच करा कर विसंगतियों का सुधार करने की मांग मुख्य सचिव से किया है। यह विसंगति केवल स्वास्थ्य विभाग में ही नहीं है। खाद्य रसद, राजस्व सहित कई अन्य विभागों में भी संगठनों के पदाधिकारियों का स्थानांतरण नीति विरुद्ध किया गया है।
संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव एवं विभागीय अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, खाद्य रसद को पत्र प्रेषित कर नीति के विरुद्ध किये गए स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग किया है। जे एन तिवारी ने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वे स्वयं यह प्रकरण माननीय मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाकर इसका निराकरण कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उनके संज्ञान में प्रकरण आने पर न्याय पूर्ण तरीके से निर्णय जरूर होगा। उन्होंने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े सभी कर्मचारी संगठनों एवं सभी कर्मचारियों को धैर्य बनाए रखते हुए नेतृत्व पर पूरा भरोसा रखने को कहा है।