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बॉक्सर लवलीना चीनी ताईपे की निएन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में पहुंची, भारत का दूसरा मेडल पक्का

टोक्यो (एजेंसी)। भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का दूसरा मेडल पक्का कर दिया है। वे वेल्टरवेट कैटेगरी (64-69 किग्रा) के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। इसके साथ उनका कम से कम ब्रॉन्ज मेडल पक्का हो गया है। चर्टर फाइनल के मुकाबले में लवलीना ने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से हराया. पहले राउंड में उन्हें बाई मिली थी, जबकि राउंड-16 के मुकाबले में उन्होंने जर्मनी की 35 साल की मुक्केबाज नेदिने एपेट्ज को 3-2 से हराया था। वहीं अब सेमीफाइनल में लवलीना का मुकाबला अब नंबर वन सीड तुर्की की मुक्केबाज से होगा।

चीनी ताइपे की मुक्केबाज के खिलाफ लवलीना ने अपना पहला राउंड 3-2 से जीता। इसके बाद दूसरे राउंड में पांचों जजों का फैसला लवलीना के फेवर में गया। तीसरे राउंड में चीनी ताइपे की मुक्केबाज ने वापसी की भरपूर कोशिश की पर लवलीना ने अपने बेहतर डिफेंस से चीनी ताइपे बॉक्सर के हमलों को बेकार कर दिया। चीनी ताइपे बॉक्सर के खिलाफ ये लवलीना की चौथी फाइट थी। इससे पहले हुए 3 मुकाबले में वो हर बार चीनी ताइपे के मुक्केबाज के खिलाफ हारीं थीं। लेकिन टोक्यो ओलिंपिक की रिंग में उन्होंने इतिहास का रुख मोड़ दिया।

भारत के लिए ओलिंपिक का मेडल पक्का करने वाली लवलीना ने बॉक्सिंग बाद में चुनीं। पहले वो किक बॉक्सर बनना चाहती थीं। ठीक वैसे ही जैसे उनकी दो बड़ी बहनें थीं। लवलीना की दो बड़ी बहनें लीमा और लीचा किक बॉक्सर हैं। लेकिन, बाद में उन्होंने मौके की तलाश में बॉक्सिंग का रूख कर लिया। बरपतहार हाई स्कूल में स््रढ्ढ ने बॉक्सिंग का ट्रायल रखा, जिसमें लवलीना ने हिस्सा लिया। इस ट्रायल में सभी की निगाहें लवलीना पर पड़ीं और उन्हें चुन लिया गया। लवलीना ने साल 2012 से बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की।

इससे पहले 57 किलोग्राम वर्ग में भारत की एक और महिला मुक्केबाज सिमरनजीत कौर ने अपनी दावेदारी पेश की। राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में भारत की सिमरन को थाईलैंड की अनुभवी मुक्केबाज के हाथों हार का सामना करना पड़ा। टोक्यो ओलिंपिक में ये सिमरन का पहला मैच था। इस मैच के साथ उन्होंने अपना ओलिंपिक डेब्यू भी किया। ओलिंपिक में शिरकत करने वाली सिमरनजीत पंजाब की पहली मुक्केबाज हैं।

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