भारतीय नियमों की अनदेखी करने के मामले में UK judge ने कहा कि भारतीय बैंकों ने नियम तोड़े हैं। जिससे वित्तीय संस्थाओं के साथ शराब कारोबारी विजय माल्या ने इतनी बड़ी धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया।
- दरअसल आरोपी भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या शुक्रवार को ब्रिटेन की एक अदालत में पेश हुआ।
- भाजपा की मोदी सरकार की प्रत्यर्पण की कार्रवाई पर यह अहम सुनवाई हो रही है।
UK judge ने कहा नियमों की अनदेखी
सुनवाई के दौरान ब्रिटेन न्यायाधीश ने कहा कि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने में भारतीय बैंकों ने नियम तोड़े।
- जिसे ‘बंद आंख से भी’ देखा जा सकता है।
- लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा आर्बथनॉट ने पूरे मामले को स्पष्ट तौर पर बताया।
- अदालत ने कहा कि इस मामले में ‘भारी तादाद’ में सबूतों को आपस में जोड़कर तस्वीर बनानी होगी।
- वह इसे कुछ महीने पहले की तुलना में ज्यादा स्पष्ट देख पा रही हैं।
बैंक कर्मियों पर लगे आरोप
न्यायाधीश ने कहा, ‘यह साफ है कि बैंकों ने (कर्ज मंजूर करने में) अपने ही दिशानिर्देशों की अवहेलना की है’ इसके लिए एम्मा ने भारतीय अधिकारियों को इसमें शामिल कुछ बैंक कर्मियों पर लगे आरोपों को समझाने के लिए ‘आमंत्रित’ किया और कहा कि यह बात माल्या के खिलाफ ‘षड्यंत्र’ के आरोप की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- सुनवाई के बाद माल्या को प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकेगा।
- अदालत ने कहा कि अगर उन्हें भारत भेजने का फैसला लिया तो भारतीय अदालत उनके खिलाफ बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सकेगी।
- उनके खिलाफ लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
माल्या की वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने सबूतों पर खड़े किये प्रश्नचिन्ह
इस मामले में भारत सरकार की पैरवी कर रही स्थानीय अभियोजक क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अदालत में जमा कराए गए साक्ष्यों पर अपनी दलीलें पेश की हैं। उन्होंने माल्या के बचाव में पिछली सुनवाई पर सबूतों पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए थे।
- न्यायाधीश एम्मा इन सबूतों पर फैसला करेंगी।
- इसके बाद वह अंतिम फैसले के लिए समय भी तय कर सकती हैं।
- माल्या 2 अप्रैल तक जमानत पर बाहर है।
- भारतीय जांच एजेंसियां धोखाधड़ी और हेराफेरी आदि के मामले में उनका पीछा कर रही हैं।