ककुवा ने क्रूर आतंकवादी संगठन तालिबान द्वारा पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने की चर्चा करते हुए कहा- तालिबान क लैके समूची दुनिया चिंता करय। काहे ते तालिबान जइस आतंकी संगठनन केरा बढ़ब ठीक नाय। तालिबान दुई दशक बादि फिरि अफगानिस्तान मा नँगा नाच कय रहा। तालिबान केरे सत्ता म आवे क बादि कयू आतंकी संगठन ताकतवर होय जइहैं। आगे चलिके ई आतंकवादी संगठन सगरी दुनिया म ताबाही मचहैं। इनते अपने भारत का कुछ जादय खतरा हय। याक तिना द्याखा जाय तौ तालिबान केरी जीत म मानवता कय हार छुपी हय।
आज चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर बड़ी चिंतित मुद्रा में बैठे थे। उनके हुक्के की चिलम ठंडी पड़ी थी। ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा चबूतरे के चारों कोना संभाले हुए थे। भोर में सावन की रिमझिम के बाद मौसम अच्छा था। धरती की हरियाली और आसमान की काली घटाएं मन मोह रही थीं। नीम के पेड़ पर पड़े झूले पर गांव के बच्चे झूल रहे थे। मेरे चबूतरे पर पहुंचते ही ककुवा ने अफगानिस्तान पर तालिबान के हावी होने की चर्चा शुरू कर दी। ककुवा ने तालिबान को पूरे विश्व खासकर भारत के लिए खतरनाक बताया। ककुवा का मानना है कि तालिबान के सत्ता में आने से पाकिस्तान में पाले-पोसे जा रहे आतंकवादी संगठनों की शक्ति और अधिक बढ़ जाएगी। इससे भारत में ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया में आतंकी गतिविधियां बढ़ेंगी।
ककुवा की बात पर मोहर लगाते हुए चतुरी चाचा ने कहा- ककुवा भाई, तुमरी तिना हमहुँ चिंता कय रहेन। अमेरिका का पता नाइ का सूझा, जो यकायक अफगानिस्तान का तालिबान केरे हवाले कय दिहिस। अमेरिका केरे ई कदम ते अफगानियों क जिंदगी नरक होय गई। या बाति सगरी दुनिया जानत हय कि तालिबान महिलन पर बर्बरता करत हयँ। धरम केरे नाम पय अधरम करत हय। तालिबानी शरिया कानून केरी आड़ लैके जनता प सितम ढावत हयँ। ई आतंकवादी बंदूक क दम पय पूरी दुनिया मा शरिया कानून चलावा चहत हयँ। सोचय वाली बाति या हय कि जब ई मुस्लिम आतंकी अपने मुसलमान भाइयों संग यतने बर्बर हयँ, तौ गैर मुस्लिमों संग कइस सलूक करिहैं?
इसी बीच चंदू बिटिया जलपान लेकर आ गई। आज नाश्ते में बेसन के चटपटे मासलेदार आलू थे। हम सबने बेसन-आलू खाने के बाद ताजा पानी पीया। कासिम चचा ने चंदू बिटिया से कहा- यूपी सरकार क्रमबद्ध ढंग से स्कूल/कॉलेज खोल रही है। सीएम ने साप्ताहिक बंदी भी खत्म कर दी है। बिटिया स्कूल जाने की तैयारी कर लो। चंदू बोली- बाबा, मैं तो 16 अगस्त से रोज स्कूल जा रही हूँ। इधर, मोहर्रम और रक्षाबंधन की छुट्टी चल रही है।
कुल्हड़ वाली स्पेशल चाय के साथ प्रपंच आगे बढ़ा। बड़के दद्दा बोले- भारत अब पहले वाला भारत नहीं है। भारत सरकार और भारतीय सेना आतंकवाद को समूल नष्ट करने के लिए कटिबद्ध है। विश्व का कोई भी आतंकी संगठन भारत पर सीधा आक्रमण करने की सोच भी नहीं सकता है। बस, ये कायर पीठ पीछे छुरा घोंप सकते हैं। भारत में चोरी-छीपे आत्मघाती हमला कर सकते हैं। भारत को बाहर के आतंकियों से खतरा कम है, बल्कि देश के अंदर रहने वाले वालों गद्दारों से डर ज्यादा है। इन आतंकियों से सबसे ज्यादा पाकिस्तान को ही खतरा है। पाकिस्तान की दशा एक दिन भस्मासुर वाली ही होगी। देखना, पाकिस्तान के पालतू आतंकी निकट भविष्य में अफगानिस्तान की तरह पाकिस्तान पर कब्जा करेंगे। इसके बाद चीन को भी आतंकियों से दो-चार होना पड़ेगा।
कासिम चचा बोले- इस्लाम में यह कहीं नहीं लिखा है कि महिलाओं पर अत्याचार किया जाए। निरीह जनता पर सितम ढाये जाएँ। किसी के साथ जोर जुल्म किया जाए। इस्लाम तो अत्याचार के खिलाफ लड़ना सिखाता है। तालिबान, अलकायदा, जैश-ए-मोहम्मद इत्यादि आतंकी संगठन इस्लाम के विपरीत कार्य कर रहे हैं। अफगानिस्तान में जो कुछ हो रहा है, वो ठीक नहीं हो रहा है। तभी तो पंजशीर राज्य सहित अफगानिस्तान के अलग-अलग इलाकों में मुस्लिम जनता तालिबान को विरोध कर रही है। वहां के भगौड़ा राष्ट्रपति गनी को जनता कभी माफ नहीं करेगी। इतिहास में अशरफ गनी का नाम काले अक्षरों से लिखा जाएगा। इसी तरह जो देश आतंकवाद को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं, उन्हें इसका खमियाजा भुगतना ही होगा। भारत की पुरसुकून आबोहवा में पले-बढ़े कुछ मुसलमान तालिबान सहित अन्य आतंकी संगठनों के पक्ष में बोलकर अपने लिए दोज़ख का दरवाजा खोल रहे हैं। इस्लाम मादरे वतन के साथ गद्दारी नहीं सिखाता है।
मुंशीजी ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- सावन तो अच्छा बरस गया। अब भादौं भी ठीकठाक बरस जाए, तो खरीफ की फसलें विशेषकर धान की फसल बहुत बढ़िया हो जाएगी। हालांकि, भारी बारिश और नदियों में उफान आने से अनेक राज्यों में बाढ़ की विभीषिका है। भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रमुख नदियों को आपस में जोड़ने का सपना देखा था। अगर उनका सपना साकार हो जाता, तो देश में बाढ़ और सूखा की स्थिति इतनी भयानक न बनती। मौजूदा समय में नदियों पर बहुत बड़ा काम करने की आवश्यकता है। तमाम नदियां अपने अस्तित्व की अंतिम लड़ाई लड़ रही हैं। वहीं, गंगा, यमुना सहित अनेक नदियां गन्दे नालों से कराह रही हैं।
तभी प्रपंच चबूतरे पास प्रधानजी की स्कॉर्पियो गाड़ी आकर रुक गई। प्रधानजी ने चबूतरे पर आते ही चतुरी चाचा से कहा- चाचा, आपने पँचायत चुनाव के पहले तो चबूतरे का सौंदर्यीकरण कराने से मना कर दिया था। क्या अब आपके चबूतरे का सौंदर्यीकरण करवा दिया जाए? चतुरी चाचा बोले- प्रधान, यह चबूतरा सिर्फ मेरा नहीं है। इस सार्वजनिक चबूतरे का सौंदर्यीकरण सरकारी धन से करवा दो। साथ ही, यहाँ एक सरकारी नल और स्ट्रीट लाइट लगवा दो। प्रधानजी हामी भरकर अपने चमचों के साथ रवाना हो गए।
अंत में हमने हमेशा की तरह सबको कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 21 करोड़ 15 लाख से अधिक लोगों को कोरोना हो चुका है। इनमें से 44 लाख 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इसी तरह भारत में तीन करोड़ 23 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से चार लाख 84 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया नहीं जा सका। भारत सहित दुनिया के तमाम देश आज भी कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं। कोरोना वायरस बार-बार अपना रूप बदल कर आ रहा है। इससे बचने का अस्थायी उपाय सिर्फ मॉस्क और लोगों से दो गज की दूरी है। कोरोना का समूल नाश सिर्फ वैक्सीन से ही हो सकता है। दुनिया भर में 18 साल से ऊपर वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। भारत में भी सभी नागरिकों को मुफ्त टीका लगाने का अभियान जारी है। परन्तु, मांग के अनुरूप टीकों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं, बच्चों के लिए टीका बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अंत में चतुरी चाचा ने सभी को रक्षाबन्धन त्योहार की बधाई दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!