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सैनिक स्कूल: शौर्य व देशभक्ति की शिक्षा

 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

सैनिक शिक्षा के क्षेत्र में लखनऊ सैनिक स्कूल का विशिष्ट स्थान है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल लखनऊ के हीरक जयन्ती वर्ष के समापन समारोह में शामिल भी शामिल हुए। यह संयोग है कि स्वतन्त्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सैनिक स्कूल खोलने व बालिकाओं को सैनिक शिक्षा प्रदान करने का रोडमैम प्रस्तुत किया था। इसके बाद लखनऊ सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समारोह का महत्व भी बढ़ गया था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हीरक जयंती समारोह से जुड़े रहे है। इसके दृष्टिगत वह सैनिक स्कूल आये थे। उनका कहना था कि हीरक जयंती समारोह वर्ष भर चलने चाहिए। इसके माध्यम से राष्ट्रीय स्वाभिमान के अनुरूप शौर्य का सन्देश भी गूंजना चाहिए। राष्ट्रपति मनोज पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल की हीरक जयंती कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए बेटियों को सुरक्षा और शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के प्रवेश की घोषणा की थी। लेकिन लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में बालिकाओं को तीन वर्ष पहले ही प्रवेश की शुरुआत हो चुकी है। यह सराहनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह देश का पहला सैनिक स्कूल बनेगा जहां की बेटियां इस साल एनडीए की परीक्षा में बैठेंगी। यह स्कूल वीरों के साथ अब भारतीय सेना को एनडीए के माध्यम से वीरांगनाएं भी देगा। इस अवसर पर राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।

यहां राष्ट्रपति ने डाॅ सम्पूर्णानन्द की प्रतिमा का अनावरण,डाॅ सम्पूर्णानन्द प्रेक्षागृह का लोकार्पण,कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल लखनऊ की क्षमता दोगुनी किए जाने की परियोजना एवं बालिका छात्रावास का शिलान्यास तथा डाक टिकट का विमोचन भी किया। कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ देश का पहला सैनिक स्कूल है। इसका अनुकरण कर रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर अन्य सैनिक स्कूलों की स्थापना की गई। बालिकाओं को सैनिक स्कूलों में प्रवेश देने के लिए उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल को देश का पहला सैनिक स्कूल होने का गौरव प्राप्त है।

इस विद्यालय के भूतपूर्व छात्र कैडेट कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को देश के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।साठ वर्षों में इस विद्यालय द्वारा अनेक यादगार उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।विद्यालय ने अपनी स्थापना से अभी तक लगभग चार हजार छात्र सैनिकों को प्रशिक्षित किया है। जिनमें एक हजार से अधिक छात्र भारतीय सशस्त्र सेनाओं में अधिकारी बनकर देश की सेवा में संलग्न और सेना के उच्च पदों पर सुशोभित हैं। इसके अतिरिक्त यहां के छात्र प्रशासनिक अधिकारी, कुशल चिकित्सक,श्रेष्ठ न्यायविद,उद्योगपति, राजनेता इत्यादि के रूप में विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत उप्र सैनिक स्कूल लखनऊ की क्षमता को दोगुना किए जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। जिससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्राओं को सैनिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने का उचित अवसर प्राप्त हो सके। उप्र सैनिक स्कूल सोसाइटी के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर में एक और सैनिक स्कूल की स्थापना की जा रही है। प्राचीन भारत के गुरुकुलों में सैन्य शिक्षा भी अनिवार्य थी। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम में इसको स्थान दिया गया था। लेकिन यह शिक्षा तलवार के बल पर अपने मत के प्रसार या निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करने के लिए नहीं थी। क्योंकि इस शिक्षा के साथ मर्यादा व नैतिकता के बंधन भी थे। इसमें शास्त्र और शस्त्र दोनों का सामंजस्य था। सदियों की पराधीनता ने राष्ट्रीय स्वाभिमान के विचार को कमजोर किया। फिर भी देश की सांस्कृतिक विरासत कायम रही।

उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय है कि स्वतन्त्र भारत का पहला सैनिक स्कूल लखनऊ में स्थापित हुआ। योगी आदित्यनाथ महान भारतीय विरासत पर गर्व करने का सन्देश देते है। वह कहते है कि भारत की महान विरासत से सदैव प्रेरणा लेनी चाहिए। इससे राष्ट्रभाव को मजबूत होता है। लखनऊ का कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय सैनिक स्कूल को देश के प्रथम सैनिक स्कूल होने का गौरव प्राप्त है। 15 जुलाई 1960 को उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. सम्पूर्णानन्द द्वारा की गई थी। इसकी हीरक जयंती के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने शौर्य,पराक्रम और सेवा का सन्देश दिया था। स्कूल के बच्चे देश की संस्कृति,विरासत,शौर्य एवं पराक्रम से भली प्रकार अवगत होने चाहिए।

प्रदेश का यह सैनिक स्कूल विभिन्न क्षेत्रों में नए नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। रक्षा,प्रशासन,चिकित्सा समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टतम अधिकारी और अच्छे सैनिक देकर हम सभी को गौरवान्वित कर रहा है। अनेक युद्धों में हमारे सैनिकों ने दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर किया था। सत्ता में आने के उपरान्त राज्य सरकार सैनिक स्कूल के लिए कुछ करना चाहती थी। अतः यहां पर बालिकाओं को भी प्रवेश देने की व्यवस्था की गई। राज्य सरकार बालक और बालिकाओं में भेदभाव नहीं करती। सरकार बालिका शिक्षा को हर स्तर पर बढ़ावा दे रही है। सैनिक स्कूल में बालिकाओं के प्रवेश का तृतीय सत्र चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद से उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के लिए कुछ करने का भाव उनके मन में था। इसी क्रम में इसकी क्षमता के विस्तार की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। भविष्य में भी इस स्कूल के विकास हेतु सभी संभव प्रयास किये जायेंगे। वह स्वयं यहां के कार्यो की समीक्षा करेंगे। विकास की जो भी योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी,उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। जिससे यह देश का रोल मॉडल सैनिक स्कूल बन सके। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के भविष्य का अनुमान युवाओं की भावनाओं को देखकर अन्दाजा लगाया जा सकता है। युवाओं के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। सैनिक स्कूल इसका सशक्त माध्यम बन सकता है। इसलिए हमें सैनिक स्कूल की श्रृंखला को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हीरक जयन्ती प्रतीक चिन्ह का विमोचन किया था।

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