लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि किसानों की फसलों की लागत बढ़ गई है और मंडियों में लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा। सरकार का किसानों की आय दुगुनी करने का वादा जुमला बनकर रह गया है। किसानों के पास न दवाई के लिए पैसे हैं और न ही बच्चों की पढ़ाई के लिए।
लगभग ११ महीनों से देश के किसान ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और एमएसपी की गारंटी की माँग कर रहे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का रवैया आंदोलन को विफल करने का है, यही कारण है कि किसानों से संतोषजनक वार्ता नहीं की जा रही है।
इस अहंकारी किसान विरोधी सरकार गन्ने का बकाया भुगतान मय ब्याज अविलंब कराया जाए। जब तक किसानों का पूर्ण भुगतान नहीं होता तब तक उनकी सभी तरह की देनदारियों पर रोक लगाई जाए, गन्ने का आगामी सत्र शुरू होने वाला है।
किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करके सरकार द्वारा लाभकारी मूल्य घोषित किया जाए, किसानों को इस बात की छुट दी जाए कि वे पूर्व की भांति किसी भी मिल पर अपना गन्ना बेंच सके, किसानों को गन्ने की ढुलाई का भाड़ा खत्म किया जाए, किसानों के बिजली के बिल कम किए जाएं व ट्यूबवेल के लिए किसानों को बिजली मुफ्त दी जाए, किसानों के लिए डीजल पर सब्सिडी दी जाए, किसानो के खाद व अन्य कृषि सम्बन्धित यंत्रों के दाम घटाए जाए तथा कृषि यंत्रों की खरीद के लिए बिना ब्याज के कर्ज दिया जाए, आवारा पशुओं से किसान की फसल को बचाने के लिए व्यावहारिक प्रबंधन किए जाएँ तथा सरकारी मंडी के अंदर और निजी व्यापार में भी किसान से जो ख़रीद होती है वो एमएसपी पर आधारित हो।