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शीतकालीन सत्र का चुनावी सन्देश

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
  डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है। सभी राजनीतिक दल अपने अपने ढंग से रणनीति बना रहे है। उस पर अमल किया जा रहा है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित हुआ। विपक्ष ने इस बार भी सदन से लेकर विधान सभा के ठीक सामने सड़क पर हंगामा किया। पिछले अनेक सत्रो में ऐसा ही नजारा रहा है। सरकार को घेरना विपक्ष का अधिकार व कर्तव्य है। किंतु यह विरोध विधानसभा मार्ग तक ही सीमित रहा है। सत्ता पक्ष ने पिछली बार की तरह इस बार भी विधाई कार्यों की दृष्टि से लाभ उठाया। उसे विधेयक पारित कराने व अपनी बात रखने में सफलता मिली। विपक्ष अधिकांश समय हंगामा ही करता रहा।

वैचारिक व नीतिगत स्तर पर वह प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में अपनी पूरी बात नहीं रख सका। क्योंकि यहां बिपक्षी पार्टियों में हंगामे की प्रतिस्पर्धा चल रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। विपक्ष पर जम कर हमला बोला। इस तरह सत्ता पक्ष अपना पक्ष जनता तक पहुंचाने में सफल रहा। मुख्यमंत्री ने सदन में बयान दिया। इसके अलावा वह प्रधानमंत्री के साथ एक वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए।

इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने का सन्देश दिया गया। जाहिर है कि सदन के भीतर व बाहर दोनों जगह सत्ता पक्ष का चुनावी सफर मजबूती से आगे बढ़ा है। योगी आदित्यनाथ ने सपा पर हमला बोला। लेकिन नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी को सच्चा समाजवादी बताया। इस कथन से योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक निशाना साधने के प्रयास किया। उनका निहितार्थ यह था नेता प्रतिपक्ष अपनी ही पार्टी में अपवाद की तरह है। दूसरी तरफ वर्तमान सरकार राम मनोहर लोहिया,डॉ आंबेडकर के सपनों को साकार कर रही है। इसके अंतर्गत गरीबों वंचितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। डॉ लोहिया ने साठ साल पहले कहा था कि इस देश में जिस दिन कोई सरकार आम लोगों को चूल्हा देगी,बिजली, देगी, पानी देगी,स्वास्थ्य सुविधाएं देगी,शौचालय देगी,उस सरकार को पच्चीड सालों तक दुनिया की कोई ताकत हटा नहीं पाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार इस नीति पर अमल कर रही है।

इसलिए डॉ. लोहिया की भविष्यवाणी सही साबित होगी। इसके पहले सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस दौरान वित्तीय वर्ष पहले चार महीनों एक लाख अड़सठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का लेखानुदान भी सदन में प्रस्तुत किया। विपक्ष के सदस्यों ने सत्र के प्रथम दिवस भी लखीमपुर कांड को लेकर हंगामा किया था। वह धरने पर भी बैठ थे। योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को लाखों हिन्दुओं का हत्यारा बताया। उन्होंने कहा कि जिन्ना भारत का आदर्श कभी नहीं बन सकता है। जिन्ना का नाम सरदार पटेल के साथ लेना देश का बहुत बड़ा अपमान है।

उन्होंने समाजवादी पार्टी पर डॉ भीमराव आम्बेडकर व कांशीराम के अपमान का भी आरोप लगाया। कहा कि डॉ राममनोहर लोहिया के समाजवाद से सपा बहुत दूर है। योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान अपने पांच साल का ब्यौरा रखा। कहा कि उत्तर प्रदेश का विधान मंडल पहला विधान मंडल है जिसने सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट पर चर्चा की। महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयंती पर विशेष सत्र आयोजित कर चर्चा की गई। वर्तमान सरकार दीनदयाल उपाध्याय की सोच के आधार पर अंतिम व्यक्ति के लिए काम कर रही है। सबका साथ सबका विकास मूलमंत्र को साकार किया जा रहा है।

योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं किया। देश और दुनिया की यूपी के प्रति धारणा बदली है। राज्य में कई जिलों में माफिया हावी होते थे। उन पर लगाम लगा है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। कानून व्यवस्था दुरुस्त होने और अच्छा माहौल बनने से उत्तर प्रदेश में निवेश आया है। मोबाइल का डिस्प्ले स्क्रीन पहले देश में नहीं बनता था। चीन से आता था। आज हमारे उत्तर प्रदेश में डिस्प्ले बन रहा है। मल्टीनेशनल कम्पनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाह रही हैं। बहुत सी कम्पनिया निवेश की हैं। देश में उत्तर प्रदेश आज दूसरी अर्थव्यवस्था है। पहले की सरकारों ने इसी प्रकार से काम किया होता तो उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर होता। यहां का प्रत्येक नागरिक इसका हक रखता है।

योगी ने कहा कि देश में पचास ऐसी योजनाएं हैं जो कभी तीस पैतीस नम्बर पर रहा करती थीं। आज ऐसी योजनाएं नम्बर एक पर हैं। सरकार को पौने पांच वर्ष होने जा रहे हैं। सही मायने में साढ़े तीन साल ही काम किया। करीब बीस महीना कोरोना ले गया। दुनिया की बड़ी बड़ी ताकतें कोरोना के सामने नत मस्तक हुईं। भारत देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोगों को कोरोना से ही नहीं बचाया बल्कि रोजगार को भी बचाने का काम किया। भारत के मुकाबले अमेरिका में मौत के आंकड़े ज्यादा थे। जबकि भारत की आबादी ज्यादा है। इससे यह साबित होता है कि मोदी के नेतृत्व में देश ने कोविड के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है। हमारे पास कोरोना से लड़ने के लिए जांच लैब तक नहीं थी। आज उत्तर प्रदेश चार लाख जांच हर दिन करने की क्षमता रखता है।

प्रारम्भिक काल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के दौरान पीपीई किट,मास्क के लिए भी केंद्र पर या अन्य राज्यों पर निर्भर थे। आज उत्तर प्रदेश में सब कुछ बन रहा है। अठारह करोड़ लोगों को वैक्सीन दी गयी। डबल इंजन की सरकार पन्द्रह करोड़ लोगों को डबल राशन भी दे रही है।

पांच वर्षों के एक भी दंगा नहीं हुआ है। प्रदेश में सत्रह नगर निगम हैं। उनमें से दस शहरों को केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया है। उन शहरों का विकास हो रहा है। जो शहर केंद्र से छूट गए हैं, उन्हें राज्य सरकार विकसित कर रही है।

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