उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर सकती है. ऐसा करके वह सपा के उस वादे की हवा निकालेगी जिसमें सपा प्रमुख ने समाजवादी सरकार बनने पर किसानों को सिंचाई के लिए और शहरी क्षेत्र में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही थी. वैसे इससे पहले आम आदमी पार्टी भी 300 यूनिट श्री बत्ती देने का वादा कर चुकी है, लेकिन आप के वादे को इसलिए ज्यादा से गंभीरता से नहीं लिया क्या क्योंकि वह सत्ता की दौड़ में कहीं नजर नहीं आ रही है, जबकि सपा के लिए अखिलेश का वादा गेम चेंजर बन सकता है. इसीलिए योगी सरकार भी फ्री बिजली का बड़ा दांव चल सकती है. वैसे भी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि कुछ राज्यों की तरह यूपी में भी किसानों को आसानी से मुफ्त बिजली दी जा सकती है। परिषद का कहना है कि ऐसा करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
परिषद ने किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए सरकार को फार्मूला देने की पेशकश भी की है।उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही मुफ्त और सस्ती बिजली की सियासत तेज हो जाती है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु व तेलंगाना में किसानों को मुफ्त बिजली दी भी जा रही है। हरियाणा व पुडुचेरी में किसानों की दर न के बराबर है। दूसरी तरफ यूपी में ग्रामीण क्षेत्र में अनमीटर्ड किसानो की दर 170 रुपये प्रति हॉर्स पावर तथा मीटर्ड की 70 रुपये प्रति हॉर्स पावर व विद्युत मूल्य 2 रुपये प्रति यूनिट है। शहरी क्षेत्रों में यह 130 रुपये प्रति हॉर्स पावर व विद्युत मूल्य 6 रुपये प्रति यूनिट है।
वर्मा ने कहा प्रदेश में कुल 13,16,399 निजी नलकूप उपभोक्ता हैं। इनका कनेक्टेड लोड 79,41,706 किलोवाट है। इनके लिए 14006 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत होती है। जिसकी कुलफट बिजली लागत लगभग 1845 करोड़ रुपये होती है। किसानों और छोटे घरेलू उपभोक्ताओं को रियायती बिजली के लिए राज्य सरकार 11 हजार करोड की सब्सिडी देती है। अगर राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली देना चाहती है तो उसे 2000 करोड़ रुपये अतिरिक्त सब्सिडी देनी होगी।
वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा उत्पादन इकाइयों के बकाये पर लगने वाले विलंब भुगतान सरचार्ज को 18 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाए तो इससे 700-800 करोड़ की बचत हो सकती है। साथ ही महंगी बिजली खरीद पर पाबंदी लगाकर 1000 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं। इससे किसानों को मुफ्त बिजली का रास्ता खुल सकता है। वर्मा ने कहा कि सरकार चाहे तो परिषद इसका विस्तृत फार्मूला देने को तैयार है।
उधर,फ्री बिजली की राजनीति के बीच भाजपा के यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सभी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘चालीस साल तक कांग्रेस सत्ता में रही, बसपा रही, तीन-तीन बार सपा ने शासन किया। अखिलेश जी खुद पांच साल मुख्यमंत्री रहे। क्यों नहीं बिजली फ्री कर दी? जब सत्ता में रहे तो आजम खान के रामपुर और खुद के गांव सैफई के अलावा पूरे प्रदेश में बिजली की हालत ‘आई नहीं कि गई’ वाली थी. बहरहाल अगर योगी सरकार किसानों को फ्री बिजली देने का निर्णय लेती है तो उसे यह फैसला बहुत जल्द करना पड़ेगा क्योंकि हफ्ते भर के भीतर उत्तर प्रदेश में चुनावी आचार संहिता लग जाएगी इसके बाद सरकार इस तरह की कोई घोषणा नहीं कर पाएगी. भले ही वह इसे चुनावी वायदे में शामिल कर सकती है, लेकिन अब बीजेपी को इतना फायदा नहीं होगा, जितना अभी निर्णय लेते हुए इसे लागू कर दिया जाएगा.