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04 फ़रवरी, विश्व कैंसर दिवस;  हर साल की तरह इस बार भी होगी नयी थीम 

औरैया। प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मुख्यत: कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा कर इससे होने वाली मौतों को कम करना है।  कैंसर एक ऐसी स्थिति है, जो कि, शरीर में असामान्य कोशिकाओं के बढ्ने से उत्पन्न होती है। यदि समय पर इसका पता पड़ तो जाए तो इस पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन, लोग इस बीमारी की गंभीरता को बिना समझे शुरुआती दौर में होने वाले लक्षणो को नजरंदाज कर देते हैं। यही कारण है की यह बीमारी धीर-धीरे गंभीर रूप ले लेती है। यदि व्यक्ति शुरुआती दौर में सचेत रहे तो समय रहते इस बीमरी का पूर्णतया: इलाज संभव है।

आधुनिक जीवनशैली, व्यक्ति का खान-पान और रख-रखाव कैंसर का कारण

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और गैर संचारी रोगों के नोडल डा. शिशिर पुरी ने बताया कि कैंसर शरीर में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ्ने की बीमारी है। इसका मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली भी है, व्यक्ति का खान-पान और रख-रखाव इसका कारण है। वर्तमान में सबसे अधिक ओरल या मुँह का कैंसर आक्रामक रूप से लोगों में फ़ेल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 21.77% मरीज ओरल कैंसर के हैं। ओरल कैंसर के लिए बहुत से रिस्क फेक्टर जिम्मेदार हैं, जैसे की तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान आदि। आमतौर पर जो मरीज जाँच के लिए आते हैं, वह चौथी स्टेज पर होते हैं। उनमें से 40 प्रतिशत मरीजों कि रिकवरी पूर्णतया: हो जाती है। डा. पुरी ने बताया कि कैंसर के शुरुआती लक्षणो को व्यक्ति नजरंदाज करता है। यदि उसी समय ठीक प्रकार से जाँच कारवाई जाये तो कैंसर को गंभीर स्तिथि में आने से पहली ही उसे इलाज द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

वर्तमान समय में महिलाओं में कैंसर के लक्षण सबसे ज़्यादा

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अस्मिता ने बताया कि वर्तमान समय में महिलाओं में कैंसर के लक्षण बहुत अधिक बढ़ रहे हैं। खासतौर से ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर। महिलाओं में होने वाले कैंसर से बचाव के लिए उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उन्हें स्वयं व उनके जीवनसाथी को लेना होगी ताकि, कैंसर की रोकथाम की जा सके। इलाज से सर्वथा बेहतर है। कैंसर रोकथाम अगली आने वाली पीढ़ी को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाई जाए। वह बताती हैं कि ग्लोबोकॉन-2021 रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी महिला को अपने जीवन में किसी भी प्रकार के कैंसर होने का 10% खतरा है। इसी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं में जो कैंसर के नए केसेज़ हुए हैं, उनमें से 26.3% ब्रेस्ट कैंसर और 18.3% सर्वाइकल कैंसर हैं। खास बात यह है कि इन 44% कैंसर केस की अर्ली स्टेज में पहचान होने से महिलाओं को पूरी तरह बचाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि महिलाओं में कैंसर रोकथाम के लिए कुछ आवश्यक चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। जिससे कैंसर को शुरुआती समय पर ही पहचाना जा सकता है एवं महिला की जान बचाई जा सकती है।

04 फरवरी को होता है कैंसर दिवस

कैंसर एक ऐसी स्तिथि है जो की शरीर में असामान्य कोशिकाओं के बढ्ने से उत्पन्न होती है। यदि समय पर इसका पता पड़ जाए, तो इस पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। यदि व्यक्ति शुरुआती दौर में सचेत रहे तो समय रहते इस बीमरी का पूर्णतया: इलाज संभव है। हर वर्ष इसका थीम भी बदल जाता है। इस साल कैंसर दिवस का थीम है ‘Close the care gap- Everyone deserves access to cancer care’. इस थीम को साल 2022 से लेकर 2024 तक के लिए रखा गया है। इसका उद्येश्य मुख्यत: कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा कर इससे होने वाली मौतों को कम करना है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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