लखनऊ। चिराग़ तले अंधेरा शयद इसी को कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा तो खूब बुलंद करते हैं। लेकिन, ये सब नारे और महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें धरी की धरी रह गयी लगती हैं। भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के लिए उज्जवला गैस योजना, सुरक्षित मातृत्व योजना, महिला शक्ति केंद्र आदि योजनाओं को भी चला रक्खा है। यही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने तो महिला सशक्तिकरण के नाम पर नारी शक्ति और स्वावलम्बन जैसे कई प्रोजेक्ट्स भी शुरु किए थे। लेकिन, दूसरी तरफ़ उसी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ख़ुद के घरों में महिलाओं की क्या दुर्गती हो रही है, इस पर कोई महिला सशक्तिकरण नहीं है। यहाँ तक कि तब कोई महिला मुक्ती संगठन भी अवाज़ नहीं उठाता। उठाए भी तो कैसे? क्योंकि अगर आवाज़ उठाई तो डर है कि कहीं लेने के देने न पड़ जाएँ। शायद, इसीलिए चिराग़ तले अंधेरा कायम रहता है।
156(3) के तहत कोर्ट में दिए प्रार्थना-पत्र में दिशा टंडन ने लगाया टंडन और उनके परिवार पर आरोप
भारतीय जनता पार्टी के लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री आशुतोश गोपाल टंडन का नाम अपनी ही पुत्र-वधू दिशा टंडन पर दहेज उत्पीड़न के मामले में सामने आया है। एमपीएमएलए कोर्ट लखनऊ में, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और लखनऊ के सांसद दिवंगत लालजी टंडन की पौत्र-वधू दिशा टंडन ने 156(3) के तहत एक प्रार्थना-पत्र दिया है। पत्र में दिशा टंडन ने गोपाल टंडन और उनके परिवार पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रार्थना-पत्र के तहत एमपीएमएलए कोर्ट ने महिला थानाध्यक्ष को 8 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट सहित तलब किया है। दिशा ने यह भी आरोप लगाया है कि गोपाल टंडन के दबाव के कारण उनका मुकदमा नही दर्ज हो रहा है। इसीलिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली है।
Report – Anshul Gaurav