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कोरोना काल में भी बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं को मिल रहा पुष्टाहार

  • घर-घर पुष्टाहार वितरित कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दे रहीं आवश्यक परामर्श
  • कोविड अनुरूप व्यवहार के साथ स्तनपान व पूरक आहार के लिए कर रहीं प्रोत्साहित

औरैया। बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं को सुपोषित बनाने के लिए सरकार प्रत्येक स्तर पर कार्य कर रही है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) की ओर से कोरोना काल में भी लाभार्थियों को अनुपूरक पुष्टाहार वितरित किया जा रहा है। आईसीडीएस के अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर चिन्हित लाभार्थियों को पुष्टाहार वितरित कर रही हैं। इसके साथ ही समुदाय में कोविड अनुरूप व्यवहार के साथ स्तनपान व अनुपूरक आहार के बारे में जागरूकता फैला रही हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद अवस्थी ने बताया कि बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं में कोरोना से प्रभावित होने की आशंका अधिक रहती है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इनकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। कोविड के कारण जनपद में सभी आंगनबाड़ी केन्द्र बच्चों के लिए फिलहाल अभी बंद हैं, ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शासन के निर्देश पर घर-घर पुष्टाहार का वितरण कर रही हैं | गृह भ्रमण के दौरान आवश्यक परामर्श भी दे रही हैं । इसके साथ ही समाज में कोविड अनुरूप व्यवहार जैसे – मास्क का प्रयोग करने और समय-समय पर साबुन-पानी से हाथ धुलने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में जिले में छह माह से तीन वर्ष तक के करीब 73,337 बच्चे, तीन से छह वर्ष तक के 50,724 बच्चे एवं 31,902 गर्भवती व धात्री माताओं को पुष्टाहार वितरण किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान अति कुपोषित व कुपोषित बच्चे (सैम/मैम), गर्भवती व धात्री माताओं और छह माह से ऊपर के बच्चों पर विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पुष्टाहार में दलिया, तेल और फोर्टिफाइड चावल घर पर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। गृह भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और लाभार्थियों को भी इसके लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना काल में स्तनपान बेहद जरूरी – यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक आशीष ने बताया कि मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। कोरोना काल में बच्चे की बेहतर प्रतिरोधक क्षमता के लिए स्तनपान और जरूरी हो जाता है। छह माह के अंदर के बच्चों को ऊपर का दूध देने तथा दूध की बोतल का प्रयोग करने की मनाही है। यदि बच्चा लंबे समय से चिडचिड़ा रहा है तथा मां का दूध नहीं पी रहा है, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान पहले तिमाही की गर्भवती का एएनएम से पंजीकरण कराते हुए मातृ व शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी) कार्ड बनवाएं। गर्भवती व धात्री माताओं में कोविड के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श दिलाएं। इसके साथ ही गर्भवती को जरूरी आयरन और कैल्शियम की गोलियां खाने की सलाह अवश्य दें। इसके अलावा शरीर कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आहार में पत्तेदार सब्जियां, नींबू, संतरा, गाजर, ज्वार- बाजरा, रागी, दूध आदि शामिल करें।

खांसी या कोविड के लक्षण होने पर भी स्तनपान जारी रखें – गृह भ्रमण के दौरान मां को खांसी या कोविड संक्रमण के लक्षण होने पर भी बच्चे को स्तनपान जारी रखने, स्तनपान कराने से पहले मां अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी से धोने के बाद मास्क लगाकर स्तनपान कराएं एवं यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में न हो तो कटोरी में मां का दूध निकालकर चम्मच की मदद से शिशु को दिये जाने, के बारे में बताया जा रहा है।

अनुपूरक आहार के लिए करें प्रेरित – गर्भवती व धात्री माताओं और बच्चों में कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। गृह भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ परामर्श सेवाओं के अलावा वृद्धि निगरानी और आयरन की गोलियों का वितरण भी कर रही हैं। छह माह‌ से ऊपर के बच्चों को स्तनपान के साथ पूरक आहार देने के लिए प्रेरित करने और अनुपूरक पोषाहार बनाने की विधि व समुचित मात्रा बताने के निर्देश दिए गए हैं।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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