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Higher Education के लिए CMS के आर्यन त्रिपाठी को मिली $52,000 की स्कॉलरशिप, अमेरिका की 3 और universities से बुलावा

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस के एक और छात्र ने भी राजधानी लखनऊ और उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि, पूरे देश का सर ऊंचा कर दिखाया है। CMS के इस छात्र अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर अमेरिका की 3 Universities में स्कॉलरशिप के साथ चयनित होकर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। मिली जानकारी के मुताबिक, आर्यन त्रिपाठी को अमेरिका की प्रतिष्ठित Arizona State University की ओर से Higher Education के लिए 52,000 अमेरिकी डॉलर की स्कॉलरशिप से नवाज़ा गया है।

आर्यन त्रिपाठी, जिसने लहराया लखनऊ का परचम

अमेरिका की ही तीन और universities से भी आया है बुलावा

CMS के जन सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने इस बारे में बताया है कि आर्यन को यह स्कॉलरशिप चार वर्ष के लिए higher education duration के दौरान, प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं, अमेरिका की Purdue University और Penn State University ने भी CMS के इस मेधावी छात्र को स्कॉलरशिप के साथ Higher education के लिए आमन्त्रण प्राप्त हुआ है। आर्यन को मिले इस अवसर के बारे में बताते हुए CMS के संस्थापक जगदीश गाँधी ने कहा कि प्रतिवर्ष CMS  के 100 से अधिक मेधावी छात्र विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में उच्चशिक्षा के लिए चयनित होते हैं।  आर्यन क सफलता पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

CMS के 45 से अधिक छात्रों ने विदेशों की Universities में लहराया है परचम

वर्ष 2022 में अभी तक CMS के 45 से अधिक छात्रों ने अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनडा, आस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, जर्मनी आदि विभिन्न देशों के ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों जैसे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, कैलीफोर्निया इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक), मैसाचुसेट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.आई.टी.), स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कार्नेल यूनिवर्सिटी, मेलबर्न यूनिवर्सिटी एवं नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर आदि में स्कॉलरशिप के साथ चयनित होकर कीर्तिमान बनाया है।

आर्यन त्रिपाठी की इस सफलता की वजह सि़र्फ यह नहीं है कि उन्हें अमेरिका की किसी University की ओर से पढ़ने के लिए scholorship से नवाज़ा गया है बल्कि, इसलिए भी है कि आर्यन त्रिपाठी ने यह साबित किया है कि भारत में ऐसे  प्रतिभाशाली बच्चों की कमी नहीं है, जो सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा से देश की मिट्टी की खुश्बू फैलाने की ताक़त रखते हैं। इन बच्चों को उन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचाने का असली श्रेय उनके माता-पिता, उनके परिवार, समाज और सबसे ज़्यादा श्रेय उनके शिक्षकों जाता है।

Report- Anshul Gaurav

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