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सघन मिशन इंद्रधनुष-4 सात मार्च से, जिलाधिकारी के निर्देश- अभियान को बनाएँ शत-प्रतिशत सफल 

कानपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को हुई डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स (DTF) की बैठक में जिलाधिकारी नेहा मिश्रा ने मिशन इंद्रधनुष 4.0 के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने लीडरशीप की भावना के साथ, शत-प्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए समुदाय से संवाद बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। कोविड महामारी के कारण, नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को ईंट भट्टा मालिकों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत सहायकों और रोजगार सेवकों की मदद से भी टीके का लाभ दिलाने पर चर्चा हुई।

अभियान को सफल बनाने के लिए माइक्रो प्लान बनाकर अभियान को बनाएँ सफल

बैठक में जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए माइक्रो प्लान बनाकर अभियान को सफल बनाए जाए। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में गुजैनी में सबसे कम टिकाकरण हुआ है। यहां विशेष अभियान चलाकर छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाए। उन्होंने ख़ास तौर पर कहा कि टीकाकरण अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाये और कोई भी बच्चा और गर्भवती महिला टीकाकरण से न छूटने पाये इस पर विशेष ध्यान दिया जाये।

वंचित बच्चों के लिए तीन चरणों में इंद्रधनुष अभियान, 7 मार्च, 4 अप्रैल और 2 मई को चलेगा अभियान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि कोविड और कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के कारण, जो बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह गये हैं, उनके लिए तीन चरणों में मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान चलना है। पहले चरण का अभियान 7 मार्च को, दूसरे चरण का अभियान 4 अप्रैल को और तीसरे चरण का अभियान 2 मई को शुरू होगा। टीकाकरण से छूटे हुए ऐसे बच्चे जिनका जन्म 20 फरवरी 2020 के बाद हुआ है और जिनकी आयु 2 वर्ष से कम है, साथ ही, ऐसी गर्भवती महिलाएं जो टीकाकरण से छूट गई हैं, उनका आशा, एएनएम के ज़रिए, घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद उनकी सूची तैयार कर टीकाकरण कराया जाएगा।

अभियान की मॉनिटरिंग के लिए निगरानी समिति को किया गया है एक्टिव

उन्होंने कहा कि इसके लिए,  माइक्रो प्लानिंग तैयार करते हुए छूटे हुए बच्चे और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाएगा। मॉनिटरिंग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति को एक्टिव किया गया है । आशा, एएनएम की मॉनिटरिंग के लिए सुपरवाइजर की टीमें भी गठित की गईं है, जिसके ज़रिए, टीकाकरण कार्य की निगरानी रखी जाएगी। ब्लॉकवार टीकाकरण कार्य की निगरानी हेतु ए सीएमओ को भी जिम्मेदारी दी गई है। एमओआईसी ड्यू लिस्ट की मॉनिटरिंग करते हुए छूटे हुए बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराएंगे।

जिला कार्यक्रम विभाग, जिला पंचायत राज विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चलेगा अभियान

उक्त अभियान को सफल बनाने के लिए जिला कार्यक्रम विभाग, जिला पंचायत राज विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से यह अभियान चलाया जायेगा। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्री, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों व गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करेंगी और उनका अभियान के दौरान टीकाकरण कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के दौरान, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, दो या दो से अधिक नियमित टीकाकरण सत्रों से वंचित क्षेत्रों, टीके से इनकार वाले क्षेत्रों, शहर की मलिन बस्तियों, मिजल्स और वीपीडी वाले इलाकों और प्राकृतिक आपदा ग्रसित क्षेत्रों में अभियान के दौरान, विशेष जोर देकर टीकाकरण किया जाएगा ।

इस अवसर पर एसीएमओ, आरसीएच , जिला प्रतिरक्षण अधिकारी , जिला सर्विलांस अधिकारी जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी , उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक , जिला पंचायत राज अधिकारी , डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि व जिला कार्यक्रम अधिकारी आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार

‘’पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार’’ का नारा दोहराते सीएमओ ने समुदाय से अपील की कि गर्भवती के लिए टीडी 1, टीडी 2 व टीडी बूस्टर, बच्चे के जन्म के समय ओपीवी 0, हेपेटाइटिस बी बर्थ डोज, बीसीजी, जन्म के छह सप्ताह के भीतर ओपीवी 1, रोटा 1, एफआईपीवी 1, पेंटावैलेंट1 व पीसीवी 1, 10 सप्ताह के भीतर ओपीवी 2, रोटा 2, पेंटावैलेंट 2, 14 सप्ताह के भीतर ओपीवी 3, रोटा 3, एफआईपीवी 2, पेंटावैलेंट 3, पीसीवी 2, 9 से 12 महीने के बीच एमआर1, जेई 1, पीसीवी बी, 16 से 24 महीने के बीच ओपीवी बी, डीपीटी बी 1, एमआर 2, जेई टू, 5 से 6 साल के बीच डीपीटी बी 2, 10 साल की उम्र पर टीडी और 16 साल की उम्र पर लगने वाला टीडी टीका स्वास्थ्य विभाग निःशुल्क उपलब्ध कराता है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद लेकर नियमित टीकाकरण अवश्य करवाएं ।

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