- Published by- @ShivPratapSinghSengar Wednesday , 23 Febraury, 2022
औरैया। परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है| यह इस बात से साबित होता है कि अप्रैल 2021 से जनवरी माह तक, प्रसव पश्चात कॉपर-टी अपनाने में जनपद का प्रदेश में प्रथम स्थान है। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के प्रावधान के अनुसार, प्रसव के सापेक्ष प्रसव पश्चात, कॉपर-टी 30 प्रतिशत होना चाहिये, जबकि जनपद में अप्रैल 2021 से लेकर अब तक हुए प्रसवों के सापेक्ष प्रसव पश्चात कॉपर-टी 46 प्रतिशत है।
परिवार नियोजन का बिना झंझट का नायाब तरीका
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और आरसीएच नोडल डॉ शिशिर पूरी ने बताया कि प्रसव के तुरंत बाद लगने वाले कॉपर टी को PPIUCD कहते हैं। परिवार नियोजन का यह एक ऐसा नायाब तरीका है जिसमें बार-बार का कोई झंझट नहीं। बस जब बच्चे की आवश्यकता हो, तो आसानी से निकलवाया जा सकता है। माँ बच्चे की सेहत से जुड़ी इस सेवा को देने में अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने बताया की हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम की ओर से जारी अप्रैल से अब तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक जिले की 6305 महिलाओं को PPIUCD की सेवा देकर, जनपद ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है, जो अब तक हुए प्रसवों के सापेक्ष 46 प्रतिशत है।
दो प्रकार की होती है PPIUCD, महिलाओं ने कोरोना काल में किया काफ़ी पसंद
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया की ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए लम्बे समय तक का अस्थायी गर्भ निरोधक साधन स्वास्थ्य विभाग की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इनमें से एक पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (PPIUCD) है। यह प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगायी जाती है। यह दो प्रकार की होती है एक पाँच साल के लिए दूसरी 10 साल के लिए। दूसरे बच्चे का विचार बनने पर महिलाएं इसे आसानी से निकलवा भी सकती हैं। उन्होंने बताया की अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाओं ने कोरोना काल में इसे सबसे अधिक पसंद किया।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया की जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन की बहुत अधिक भूमिका है। इसी के साथ इसमें लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, प्रसव पश्चात आईयूसीडी के लिए लाभार्थी को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।