- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday 09 Febraury, 2022
लखनऊ। मानव संसाधन विकास केंद्र, लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित 7 दिवसीय रूसा प्रायोजित संगोष्ठी के क्रम में आज कार्यक्रम के दूसरे दिन एचआरडीसी, लखनऊ विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर कमल कुमार और समन्वयक और मानव विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रमुख प्रो केया पांडे ने आयोजित किया। दोपहर से पूर्व सत्र में प्रबंधन अध्ययन संकाय, बीएचयू के प्रो.पी.एस. त्रिपाठी ने ‘विजन इन एक्शन’ विषय पर एक प्रस्तुति आधारित व्याख्यान प्रदान किया।\
इस प्रस्तुति में उन्होंने भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को प्राचीन भारतीय ज्ञान के साथ एकीकृत कर आकांक्षाओं को चैनलाइज करके मध्यकालीन युग के दौरान, मौजूद भारत की आर्थिक समृद्धि के पुनरुद्धार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमिता को ‘आधुनिक कामधेनु’ कहा। जीवन कौशल के लिए, उन्होंने कहा कि हम इसे तीन महत्वपूर्ण उपकरणों यानी आत्म जागरूकता, पारस्परिक कौशल और सोच कौशल के साथ प्रबंधित कर सकते हैं। उन्होंने रोजगार योग्यता कौशल, अवसर की पहचान की गतिशीलता पर भी ध्यान केंद्रित किया।
दोपहर के सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर निशि पांडे ने बहुविषयक और समग्र शिक्षा पर बात की। उन्होंने कहा कि रचनात्मक मानवीय प्रयासों की सभी शाखाओं को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बनभट्ट की कादंबनी एक अच्छी शिक्षा को 64 कला स्तोत्रों के ज्ञान के रूप में वर्णित करती है। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में प्रयुक्त विभिन्न शब्दों का भी वर्णन किया – अंतःविषय, अंतःविषय, पार अनुशासनिक और बहु अनुशासनिक।