प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई संसद भवन के छत पर बने अशोक स्तंभ का उद्घाटन किया गया।एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और माकपा ने इस अनावरण पर सवाल खड़े किए हैं. भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि ओवैसी हमेशा परेशानी की मुद्रा में ही रहते हैं और आदतन ऐसे सवाल उठाते रहते हैं.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम भारतीय संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है.असल में विपक्षी दल नए अशोक स्तंभ पर बने चारों शेरों की डिजाइन पर सवाल उठा रहे हैं।इसके मुताबिक इन शेरों का मुंह आक्रामक ढंग से खुला हुआ है, जबकि सारनाथ में बने मूल अशोक की लाट पर जो शेर बने हैं, उनका मुंह बंद है।
संविधान में साफ तौर पर लोकतंत्र के तीन अंगों – कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अधिकार अलग-अलग वर्णित हैं.इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया था. आरजेडी द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा है कि हर प्रतीक चिन्ह, इंसान की आंतरिक सोच को प्रदर्शित करता है।
इंसान प्रतीकों से आमजन को दिखाता है कि उसकी फितरत क्या है। इस ट्वीट के साथ नए और पुराने अशोक के स्तंभ की तस्वीर भी लगी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने वहां एक धार्मिक कार्यक्रम में भी भाग लिया था.