- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, July 18, 2022
नई दिल्ली। बांग्लादेश ने पिछले साल आजादी के 50 साल पूरे किए हैं। वहीं भारत अगले महीने अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इन महत्वपूर्ण अवसरों को हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण पर बांग्लादेश के 25 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल 04 दिवसीय दौरे पर असम और मेघालय पहुंचा है।
बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती मनाने के उद्देश्य से भारत आए इस प्रतिनिधिमंडल में पत्रकारों और युवाओं के साथ 15 मुक्तियोद्धा भी शामिल हैं। बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा भारत में चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के प्रतीक के रूप में आयोजित की गई है।
यात्रा की जानकारी देते हुए बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया इस यात्रा का उद्देश्य भारत और बांग्लादेश के द्वारा एक साथ मुक्ति संग्राम के क्षणों को फिर से जीवंत करना है, यात्रा का आयोजन 1971 के मुक्ति युद्ध की स्वर्ण जयंती और आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में किया जा रहा है।
1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान असम और मेघालय के लोगों द्वारा मुक्तियोद्धाओं को हरसंभव सहयोग दिया गया था, ऐसे में यह यात्रा मुक्तियोद्धाओं को इन राज्यों और उनके लोगों के साथ फिर से जोड़ेगी। एक अन्य ट्वीट में भारतीय उच्चायोग ने कहा बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल भारत के वरिष्ठ अधिकारियों, सैन्य और अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ात कर चर्चा भी करेगा।
सरकारी कार्यक्रमों के अलावा बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल दोनों राज्यों में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भी दौरा करेगा। भारत और बांग्लादेश पहले से ही बॉर्डर हाट सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से दोनों मुल्कों के लोगों के बीच संबंधों को मज़बूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ऐसे में यह यात्रा इस कार्य में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
गौरतलब है कि ‘पड़ोसी पहले” नीति के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता उसकी विदेश नीति के केंद्र में बनी हुई है। भारत सरकार अपने पड़ोसियों से विभिन्न क्षेत्रों में अपने संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए आगे बढ़कर काम कर रही है। बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा ‘पड़ोसी पहले’ नीति का सबसे अच्छा उदहारण है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)