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आज़ादी का अमृत महोत्सव : रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने किया “आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन‘‘ आइकाॅनिक सप्ताह का शुभारम्भ

लखनऊ। आजादी के 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सम्पूर्ण भारतीय रेल पर 18 से 23 जुलाई तक मनाये जा रहे ‘‘आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन‘‘ आइकाॅनिक सप्ताह का शुभारम्भ रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा किया।

आज़ादी का अमृत महोत्सव : रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने किया “आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन‘‘ आइकाॅनिक सप्ताह का शुभारम्भ

बता दें कि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुये भारतीय रेल के 75 रेलवे स्टेशनों को इस महोत्सव हेतु नामित किया गया है। जिनमें से पूर्वोत्तर रेलवे के दो स्टेशन चौरी चौरा एवं बलिया सम्मिलित है। रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली में सांय 04.00 बजे से आयोजित इस केन्द्रीय समारोह में श्री त्रिपाठी ने आइकाॅनिक सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुये कहा कि हमारी आजादी स्वतंत्रता सेनानियों के निरन्तर संघर्ष एवं बलिदान का प्रतिफल है। इस समारोह में भारतीय रेल के सभी महाप्रबन्धक, मण्डल रेल प्रबन्धक सहित वरिष्ठ रेल अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक अशोक कुमार मिश्र ने चौरी चौरा रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में चौरी चौरा एवं बलिया रेलवे स्टेशनों पर ‘‘आजादी की रेल गाड़ी और स्टेशन‘‘ के अन्तर्गत आयोजित आइकाॅनिक सप्ताह समारोह का उद्घाटन किया । उन्होंने फोटो गैलरी का निरीक्षण करने के उपरान्त स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में स्वतंत्रता सेनानी लाल मुहम्मद के पौत्र मैनुद्दीन, लाल बिहारी तिवारी के पौत्र रवि नारायण त्रिपाठी, सुरत के पौत्र जंगली, रामेश्वर के पौत्र ओमप्रकाश, दीप यादव के पौत्र लालबाबू यादव तथा पांचु के पौत्र पारस नाथ सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में महाप्रबन्धक अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में चौरी चौरा एवं बलिया का विशेष योगदान रहा है। सौभाग्यवश यह वर्ष चैरीचैरा कांड का शताब्दी वर्ष भी है। ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में 1922 में चलाये जा रहे असहयोग आन्दोलन को बर्बरता से कुचलने का प्रतिरोध करते हुये जनाक्रोश के फलस्वरूप चैरीचैरा में पुलिस थाने में आगजनी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इसी तरह बलिया में 1942 में ‘‘भारत छोड़ो‘‘ आंदोलन के अन्तर्गत बड़ी संख्या में स्वतंत्रता सेनानियों एवं प्रदर्शनकारियों को जेल में डाल दिये जाने के परिणामस्वरूप सरकारी कार्यालयों सहित लगभग सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर जनता ने कब्जा कर लिया तथा स्वतंत्रता की घोषणा करते हुए चित्तू पाण्डेय की अगुवाई में अपनी सरकार गठित कर ली । इन घटनाओं ने स्वतंत्रता आन्दोलन को नई गति दी ।

इस अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक रामाश्रय पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में चौरी चौरा काण्ड के शहीदों को नमन करते हुये कहा कि सहजनवा एवं चौरी चौरा स्थित प्रमुख बाजारों में विदेशी कपड़ों एवं नशीलों सामग्रियों की बिक्री के विरूद्ध सत्याग्रह चलाया गया। चौरी चौरा के विदेशी कपड़ों का बहुत बड़ा बाजार होने के कारण स्वाभाविक रूप से यहाँ सत्याग्रह पूरे जोर-शोर से चल रहा था। पुलिस ने दमनकारी नीति अपनाते हुये 04 फरवरी,1922 को थाने की ओर बढ़ रहे स्वतंत्रता सेनानियों पर गोली चलानी शुरू कर दी, जिसमें कई सत्याग्रही मर गये एवं सैकड़ों घायल हुये। इस घटना से कुपित होकर सत्याग्रहियों ने चौरी चौरा थाने को आग के हवाले कर दिया, जिसमें अनेक पुलिस वालों को जान से हाथ धोना पड़ा । समारोह में वाराणसी मण्डल के संरक्षा संगठन एवं स्काउट/गाइड़ों द्वारा दो नुक्कड़ नाटकों की प्रभावशाली प्रस्तुति की गई।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुये कहा कि आइकाॅनिक सप्ताह के अन्तर्गत हम उन स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से अवगत होंगे, जिन्हें जन-मानस लगभग भूल चुका है अथवा आज की पीढ़ी को जिनके बलिदान की जानकारी नही है। उन्होंने कहा कि 18 से 23 जुलाई, 2022 तक मनाये जा रहे आईकाॅनिक सप्ताह के अन्तर्गत स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बन्धित नुक्कड़ नाटक, देशभक्ति गीत, वीडियो फिल्म, फोटो प्रदर्शनी, स्टेशन की सजावट, सेल्फी प्वाइंट तथा जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिये अनाउन्समेंट जैसी अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। समारोह का संचालन आसिफ जहीर, मुख्य कार्यालय अधीक्षक/यांत्रिक कारखाना,गोरखपुर ने किया।

रिपोर्ट – दयाशंकर चौधरी

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