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नागपंचमी के प्राचीन हनुमान मंदिर व राम तलैया पर 151 दीपक प्रज्ज्वलित कर की गई गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने की प्रार्थना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की संस्था लोक परमार्थ सेवा समिति के तत्वाधान में राजधानी के ग्रामीण अंचल के ऊत्तरावा गांव में गौ के गोबर व मिट्टी से निर्मित 300 वर्ष प्राचीन श्री हनुमान जी मंदिर जो कि बाबा जगन्नाथ जी कुटी के नाम से प्रसिद्ध है में व पास में स्थित राम तलैया पर गौ माता के घी के 151 दीपक प्रज्वलित कर भारत वर्ष के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने की प्रार्थना की गई।

समिति के उपसचिव जितेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह 10 बजे लखनऊ के लाल कुआं स्थित राधा कृष्ण मंदिर में गौ माताओं को चोकर व केले खिलाए गए। इसके बाद शाम 6.30 बजे निगोहां के उत्तरवा गांव के प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में हरिनाम कीर्तन करने के बाद शाम 7 बजे श्री हनुमान जी ब राम तलैया पर गौ माता के घी के 151 दीपक प्रज्ज्वलित कर उत्तर प्रदेश में गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने की प्रार्थना की गई।

गौसेवक लालू भाई ने बताया कि प्राचीन श्री हनुमान मंदिर बाबा जगन्नाथ कुटी के नाम से प्रसिद्ध है। बाबा जगन्नाथ वर्ष 1703 में राजस्थान के चुरू से इस पावन स्थान पर आए थे। इन्होंने ने ही गौ माता के गोबर वी मिट्टी से श्री हनुमान जी प्रतिमा बनाई थी। इस प्रतिमा के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ साथ बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते है। गांव के बुजुर्गो के अनुसार एक बार बाबा जगन्नाथ जी के समय में इसी पावन स्थान पर भंडारा हुआ था और भंडारे में घी कम पड़ गया तो बाबा जी ने श्रद्धालु भक्तो से कहा कि जाओ राम तलैया से उधार ले लो तो भक्त आश्चर्यचकित होकर बाबा जी को निहारने लगे। लेकिन उनके दोबारा कहने पर वे राम तलैया से एक टीन जल लाकर कड़ाई में डाला तो वह जल घी का काम कर गया। तब यह चर्चा चारो तरफ फैल गई। यह घटना गांव के बुजर्गो को उनके बुजुर्गो द्वारा बताई गई। राम तलैया का विशेष धार्मिक महत्व है। गांव के वरिष्ठ समाज सेवी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि नाग पंचमी पर राम तलैया में स्नान करने व श्री हनुमान जी के दर्शन से श्रद्धालु भक्तो की सभी मनोकामना पूरी होने के साथ साथ सर्प दंश का भय नहीं रहता।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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