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जन्म जयन्ती पर अशोक सिंघल का स्मरण

लखनऊ। सीएमएस गोमती नगर विस्तार लखनऊ में श्रद्धेय अशोक सिंघल की 96 वी जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन अशोक सिंघल के जीवन यात्रा संकलन चित्र की प्रदर्शनी चंपत राय द्वारा नारियल तोड़कर विधिवत पूजन कर जय श्री राम, जय घोष के साथ प्रारंभ किया। सीएमएस गोमती नगर के चारों तरफ आने वाले रास्ते भगवामय दिखाई पड़ रहे हैं, ऐसा लग रहा है अशोक सिंघल जी की जन्म जयंती पर उनके कथनानुसार “मैं यह गया और यह आया” राष्ट्र सेवा में समर्पित अपने कार्यों को पूर्ण करने आ गए हो। जय श्री राम का उदघोष जनसमूह द्वारा बारंबार लगाया जा रहा है “हम मंदिर वहीं बनाएंगे” नारे को दोहरा रहे “अब भव्य मंदिर बना रहे” का नारा गूंज रहा है।

अशोक सिंघल जी के स्मरण एवं नमन कार्यक्रम में भजन संध्या “एकल परिवार” द्वारा प्रस्तुत किया गया। अशोक सिंघल जी के जीवन यात्रा पर आधारित एक चलचित्र फिल्म को उपस्थित अपार जनसमूह के साथ साझा किया गया। जय श्री राम का उद्घोष जन समूह द्वारा लगता रहा। मंच पर उपस्थित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह के साथ श्रद्धेय अशोक सिंघल जी की जीवनी पुस्तिका भी भेंट किया गया कार्यक्रम में 26 विविध संगठनों की सहभागिता रही है।

उसमें वंदेमातरम गीत को संस्कार भारती द्वारा सुंदर प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता परमात्मा नंद सरस्वती महाराज, संयोजक एवं महामंत्री हिंदू धर्म आचार्य सभा, संस्थापक आर्ष विद्या मंदिर राजकोट, गुजरात तथा मुख्य वक्ता मा चंपत राय महासचिव जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र, मुख्य अतिथि डॉ. कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विशिष्ट अतिथि विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक दिनेश, वरिष्ठ प्रचारकवीरेश्वर एवं केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की भव्य उपस्थिति में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

हिन्दुओं की प्रचण्ड शक्ति को नेतृत्व देने का काम अशोक सिंहल ने किया: डा. कृष्ण गोपाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हिन्दुओं की प्रचण्ड शक्ति को नेतृत्व देने का काम अशोक सिंहल ने किया था। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आने के बाद भारत का सौ करोड़ हिन्दू समाज राम मंदिर आन्दोलन के साथ खड़ा हुआ। उस समय हिन्दू समाज को एकजुटकर एक स्वर में बोलने और स्वाभिमान जागरण का जो काम हुआ इसके पीछे जो शक्ति थी वह अशोक सिंहल ही थे। सह सरकार्यवाह गोमतीनगर विस्तार के सीएमएस सभागार में स्व. अशोक सिंहल की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारत के हिन्दू समाज ने मुस्लिम आक्रान्ताओं जैसा बर्बर आक्रमण कभी देखा नहीं था। इससे पहले भारत पर ग्रीक, शक, हूण, कुषाण आये। उन्होंने आक्रमणा किया भारत के राजाओं की सेना उनसे लड़ी वह जीते भी लेकिन हमारे मठ मंदिर नहीं तोड़े गये,पुस्तकालयों में आग नहीं लगायी गयी। आगे वह भारत के धार्मिक प्रवाह में घुल मिल गये।

सह सरकार्यवाह ने कहा कि इस्लाम भारत में बर्बर आक्रमणकारियों के साथ आया। मुस्लिम आक्रान्ताओं ने मंदिरों का विध्वंस किया। हिन्दू समाज बार-बार मंदिरों का ध्वंस देखती थी। बार-बार मंदिर टूटने के बाद भी हिन्दू समाज के मनोबल को कोई तोड़ न सका।

सह सरकार्यवाह ने कहा कि मथुरा का मंदिर चार बार टूटा, सोमनाथ का मंदिर चार बार तोड़ा गया और काशी विश्वनाथ का मंदिर कई बार तोड़ा गया लेकिन हिन्दू समाज के मनोबल को कोई तोड़ न सका। अंग्रेजों के आने के बाद हिन्दू समाज शांत सा हो गया। हिन्दू समाज के अपमान का प्रक्षालन कैसे हो फिर राम मंदिर का मुद्दा सामने आया। डा.कृष्ण गोपाल ने कहा कि दुनिया की कोई भी शक्ति हिन्दू समाज को निर्देश नहीं दे सकती। हिन्दू समाज आध्यात्मिक शक्ति का निर्देश ही मानती है। अशोक सिंघल जी का जीवन आचरण पद्धति से संतो के अवचेतन मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव था। हिन्दू समाज किसी एक्स से न झुकता है न डरता है।

विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपतराय ने कहा कि अशोक सिंहल का जन्म ही राष्ट्र के कार्य के लिए ही हुआ था उनकी चतुर्दिक ख्याति होने के बावजूद वह विनम्रता की मूर्ति थे। निर्भयता की पराकाष्ठा उनमें थी। राजनैतिक महत्वाकांक्षा का बीज उनके अंदर था ही नहीं। सबको वह अपना मानते थे। अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के बाद भी अशोक सिंहल मुलायम सिंह से मिले।

चंपत राय ने कहा कि देश का परिवर्तन कैसे होगा। इसकी चिंता उन्हें सदैव सताती रहती थी। 2012 में उन्होंने बता दिया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को तीन सौ से अधिक सीटें मिलेंगी। उनकी स्मरण शक्ति अद्भुत थी शरीर छूटने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक गीत गाया था जब हमने पूछा कि से कब आपने याद किया तो उन्होंने बताया कि इसे 1964 में याद किया था। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को धर्मयोद्धा वह कहते थे। आज उनकी बात को सब लोग स्वीकार्य कर रहे हैं।

अशोक सिंहल ने हिन्दुत्व के विषय को जन-जन तक पहुंचाया: दिनेश

विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश ने कहा कि अशोक सिंहल हिन्दुत्व जागरण के पुरोधा थे। वह बहुआयामी व्यक्तित्व कृतित्व के धनी थे। हिन्दुत्व के विषय को जन-जन तक पहुंचाने का काम उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि समाज के सामान्य से सामान्य व्यक्ति के लिए उनके मन में पीड़ा थी। एकल विद्यालय ब्रह्रास्त्र के समान आज हमारे पास है। हरिकथा सत्संग यह सब उन्हीं की प्रेरणा से काम शुरू हुआ। दिनेश ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव का जो परिणाम आया उसके पीछे अशोक सिंहल का बहुत बड़ा योगदान है। वर्ष 2013 में प्रयागराज के कुंभ में साधु-संतों के मंच से उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नाम की घोषणा की थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकोट से पधारे स्वामी परमात्मानंद महाराज ने करते हुए बताया कि अशोक सिंघल जी की दैनिक आचरण के कारण संकल्प और निष्ठा अद्भुत थी इसका परिणाम था कि वह जो लक्ष्य लेते थे उसको पूर्ण करते थे। स्वामी जी ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि सिंघल जी भव्य राम मंदिर बनते हुए नहीं देख पाए यदि देख पाते तो उन्हें अपार प्रसन्नता होती उनके द्वारा हिंदुत्व के लिए की गई तपस्या को युगों युगों तक याद किया जाएगा हिंदुत्व के लिए उनका जीवन समर्पित रहा। वह एक युग ऋषि थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया ने किया। कार्यक्रम संयोजक प्रशांत भाटिया ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हिंदुत्व के लिए कार्य करते रहेंगे।

विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों में क्षेत्र प्रचारक अनिल, सह क्षेत्र संघचालक राम कुमार, विश्व हिंदू परिषद संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री राजेंद्र, कार्यक्रम संयोजक प्रशांत भाटिया की गरिमामय उपस्थिति रही। वक्ता गणों द्वारा श्रद्धेय अशोक सिंघल को भावुक पलों में स्मरण किया गया। उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों को युगो युगो तक याद किया जाएगा। अशोक सिंघल जी के अभूतपूर्व कार्य क्षमता को समस्त विविध संगठन और राम भक्तों कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया गया।

कार्यक्रम में स्वागत लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा करते हुए कहा गया कि कार्यकारिणी द्वारा 17 चौराहों का नाम परिवर्तन किया गया है। आज हम सभी को सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि नवरात्रि के प्रथम दिवस परअशोक सिंघल जी के नाम पर बर्लिंगटन चौराहे का नाम परिवर्तित किया गया। यह अंग्रेजों की दासता का प्रतीक था, जिसे श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के जननायक के नाम पर रखा गया। और मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे यह अवसर मिला। संयोजक प्रशांत भाटिया ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अशोक सिंघल जी के स्वर्णिम कार्यों को जन जन तक पहुंचाने के लिए 96 जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है, हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आगे भी कार्य करते रहेंगे।

कार्यक्रम में विविध संगठनों की उपस्थिति रही। विश्व हिंदू परिषद, लघु उद्योग भारती, संस्कार भारती, एकल परिवार, गायत्री परिवार से रविंद्र सिंह चौहान, हरी ओम मंदिर से कृष्ण भावनानी, संत असूदाराम आश्रम से नानक चंद लखमणि, इस्कॉन मंदिर, आर्य समाज पूजक अर्जक संघ, युगपुरुष अशोक सिंघल सेवा समिति, अधिवक्ता परिषद, बजरंग दल, कबीर मठ, जैन समाज, सिख समाज, ब्रह्म कुमारी से राधा देवी, लोकभारती से राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह, रविदास मठ से राम खेलावन, खटीक समाज से अतुल, कृपाल आश्रम से मनमोहन सिंह, जैन मंदिर से विशाल जैन, विनय जैन, आशियाना जैन समाज से दिनेश जैन, बृजेश जैन, आर्ट ऑफ लिविंग से प्रीति जैस्वाल, सिख समाज से सतपाल सिंह मीत, राजेन्द्र सिंह बग्गा, श्रद्धेय कल्याण सिंह स्मृति न्यास आदि सहभागी रहे। कार्यक्रम के समापन सत्र में सामूहिक राष्ट्रगान के साथ भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित सक्रिय सदस्य श्री अभिनव भार्गव, अपूर्व भार्गव, विमल कुमार श्रीवास्तव (शासकीय अधिवक्ता), प्रवीण त्रिपाठी, उदय भान सिंह, कैप्टन सुभाष ओझा, अजय अग्निहोत्री पार्षद कौशलेंद्र द्विवेदी, उपाध्याय प्रदीप शुक्ला, महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष रेशु भाटिया लखनऊ, प्रशांत त्रिपाठी एवं पूर्वी क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

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