Breaking News

चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 6 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, जानिए पूरा मामला

राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए जारी चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अब 6 दिसंबर को सुनवाई करेगी इस दौरान केंद्र ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक फंडिंग का एक पारदर्शी तरीका है। इससे ब्लैक मनी मिलना संभव नहीं है। कोर्ट ने अब मामले की विस्तार से सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय की है।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स  के तरफ से अदालत में याचिका दायर की थी। इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक की मांग की थी। सुनवाई को दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि यह बॉन्ड का गलत उपयोग है। इसका उपयोग शेल कंपनियां कालेधन को सफेद बनाने में कर रही हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि यह अहम मामला है।

उन्होंने एटॉर्नी जनरल और सॉलिसीटर जनरल से सुनवाई में मदद मांगी। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा प्राप्त करने का तरीका पूरी तरह पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था राजनीतिक दलों को नकद चंदा देने के विकल्प के तौर पर लाई गई है।

इसका मकसद राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।इस योजना को 2017 में ही चुनौती दी गई थी, लेकिन सुनवाई 2019 में शुरू हुई। 12 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पॉलिटिकल पार्टियों को निर्देश दिया कि वे 30 मई, 2019 तक में एक लिफाफे में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग को दें।

About News Room lko

Check Also

सीमा से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के समझौते को लागू करने में हो रही प्रगति, चीनी सेना का दावा

भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय से जारी ...