लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन हेतु पियर टीम के अवलोकनार्थ तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। उन्होंने केजीएमयू की नैक तैयारी हेतु गठित टीम का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि पूरे आत्मविश्वास के साथ नैक के उच्चतम ग्रेड ‘ए++’ की अपेक्षा से पियर टीम के समक्ष प्रस्तुतिकरण करें।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण को क्राइटेरिया वाइज बनाने का सुझाव दिया और कहा कि सभी बिंदुओं पर गतिविधि युक्त फोटो से अपनी प्रस्तुति को प्रमाणित भी करें। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में हाइपर लिंक से विवरण सम्बद्ध किए जाने की कमी को भी लक्षित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि पियर टीम के सुलभ संदर्भ के लिए कम्प्यूटराइज्ड प्रस्तुति के विवरण की पुस्तिकाएं भी बना ली जाएं, जिससे पियर टीम को पुनरावलोकन की सुविधा प्राप्त हो सके।
विश्वविद्यालय के प्रस्तुतिकरण को सुदृढ़, बिंदुवार और सटीक बनाने की दृष्टि से राज्यपाल ने सुझाव दिया कि देश के नैक एक्रीडेटेड अन्य विश्वविद्यालयों के अनुभवों को साझा करके पियर टीम विजिट से पूर्व अपनी व्यवस्थाएं सुदृढ़ कर लें तथा प्रस्तुतिकरण में यथोचित सुधार भी कर लें। राज्यपाल ने कहा कि केजीएमयू प्रदेश का ऐसा चिकित्सा विश्वविद्यालय है, जिसे देश ही नहीं, विश्व स्तर पर पहचाना जाना हैं, इसलिए इस विश्वविद्यालय को सिर्फ नैक ही नहीं, क्यूएस वर्ल्ड यूनिसर्सिटी रैंकिंग के लिए भी प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल ने इसी क्रम में केजीएमयू में नई चिकित्सा सुविधाओं से मरीजों को लाभ, गोद लिए गाँवों में आए बदलाव, विश्वविद्यालय के कम्यूनिटी रेडियो से गांवों में जागरूकता, “मिशन लाइफ” की विश्वविद्यालय परिसर में गतिविधि, महिला अध्ययन केन्द्र की गतिविधियों का विवरण और फोटो, प्रधानमंत्री से प्राप्त सम्मानों का विस्तृत एवं फोटो-आडियो युक्त विवरण, टेली-मेडिसिन की सुविधा का विवरण, मरीज केंद्रित विश्वविद्यालय की पुष्टि, विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और मरीजों के लिए बढ़ाई गई सुविधाओं जैसे अन्य बिंदु भी विवरण सहित प्रस्तुतिकरण में बढ़ाने का सुझाव दिया।
ज्ञातव्य है कि केजीएमयू को वर्ष 2017 के नैक मूल्यांकन में “ए” ग्रेड प्राप्त हुआ था। अब पाँच वर्ष उपरान्त अपने दूसरे नैक मूल्यांकन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है, जिसे मूल्यांकन में क्यूएनएम कहा जाता है। इसी रिपोर्ट पर पियर टीम की विजिट के समक्ष दिया गया प्रस्तुतिकरण क्यूएलएम होता है। विश्वविद्यालय के कुलपति ले.जन. प्रो विपिन पुरी ने क्यूएलएम प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय जो कि पहले चिकित्सा महाविद्यालय ‘केजीएमसी’ के नाम से जाना जाता था, 117 वर्ष पुराना है। ये वर्ष 2002 में विश्वविद्यालय बना। यहाँ पड़ोसी देश नेपाल सहित पड़ोसी राज्यों के मरीज भी आते हैं। 4000 बेड की क्षमता वाले इस विश्वविद्यालय में 105 विभिन्न एकेडेमिक प्रोग्राम, 14 पैरामेडिकल कोर्स सहित बीएससी कोर्स की शिक्षा उपलब्ध है। इस अवसर पर प्रमुख सविच राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, केजीएमयू की नैक तैयारी हेतु गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।