लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल (CMS) समूह का प्रबंधन आगामी 18 से 22 नवम्बर तक कानपुर रोड शाखा में ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ के हवाले से विश्व शांति,एकता और विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य के प्रति चिंतित होने की बात करते हुए 23वां अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है.
इसी बीच स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने अपनी आरटीआई और शिकायतों पर सरकारी कार्यालयों द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर जगदीश गाँधी द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चलाये जा रहे सीएमएस समूह की अनेकों शाखाओं के भवन अनेकों अवैध निर्माणों के साथ निर्मित किये जाने, इन शाखाओं में से अनेकों शाखाओं के भवनों में अग्निशमन मानक पूरे नहीं होने और ढांचागत और अग्निशमन रूप से असुरक्षित इन बिल्डिंग्स में कभी भी लखनऊ के हजरतगंज में हाल ही में हुए होटल लेवाना अग्निकांड जैसी दुर्घटना की सम्भावना व्यक्त करते हुए ऐसी शाखाओं में पढ़ रहे बच्चों का जीवन हरदम खतरे में होने जैसी बातें कहते हुए कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आने वाले देश के रक्षा मंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों, सूबे के उप मुख्यमंत्रियों,लखनऊ की मेयर और अन्य देशी-विदेशी मेहमानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, यूनेस्को के महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष,देश के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश,प्रधानमंत्री और सूबे के राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नैतिक आधार पर कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने की गुहार लगाईं है.
संजय ने अपने पत्र में लिखा है जगदीश गाँधी अभी पैदा न हुए बच्चों के लिए तो चिंतित होने की बात करते हैं लेकिन अपने स्वयं के विद्यालयों में शिक्षारत बच्चों की सुरक्षा तथा उनके अभिभावकों के शोषण के प्रति नितांत अगंभीर रवैया रखते हैं.
संजय ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि यह विडम्बनापूर्ण है कि गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश न देने और अपने आप को पारदर्शिता कानून से बाहर रखने जैसे मुद्दों पर अदालती लड़ाई लड़ने वाला,नई नई शाखाएं खोलने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए इस प्रकार के आयोजन करने के लिए छात्रों के अभिभावकों से उनके बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले वास्तविक खर्चों से बहुत अधिक रकम फीस के रूप में बसूलने वाला सी.एम.एस. प्रबंधन बड़ी-बड़ी आदर्शवादी बातें कहते हुए ये आयोजन कर रहा है.
भारत में शिक्षा को एक अत्यंत पवित्र क्षेत्र बताते हुए संजय ने प्राचीन भारत के गुरुकुलों का उदहारण देते हुए पत्र में लिखा है कि उनके विचार से सी.एम.एस. प्रबंधन और जगदीश गाँधी को ऐसे कार्यक्रम करने का तब तक कोई नैतिक अधिकार नहीं है जब तक वे अपने विद्यालयों की व्यवहारिक कार्यप्रणाली को अपने इस कार्यक्रम की आदर्शवादी थीम के अनुसार नहीं कर लेते हैं और इस कार्यक्रम को सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह के संस्थापक जगदीश गाँधी द्वारा नोबेल पुरस्कार और मैगसेसे पुरस्कार जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए अपनी छवि बनाने के छिपे एजेंडे के तहत आयोजित किये जाने की सम्भावना व्यक्त की हैं.
संजय ने पत्र में लिखा है कि कार्यक्रम में आने वाले आगंतुकों से भारत के साथ-साथ सकल विश्व को अतीव उच्च श्रेणी की नैतिक अपेक्षाएं हैं और इसीलिए उनके द्वारा इस कार्यक्रम में शिरकत करना नैतिक आधार पर तब तक उचित नहीं है जब तक सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह प्रबंधन और जगदीश गाँधी अपनी कथनी और करनी के अंतर को मिटा नहीं देते हैं.