उत्तराखंड में जमीन के धंसने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब चमोली जिले के कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर, सुभाष नगर और अपर बाजार में भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दरारों वाले भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के आदेश दिए हैं।
प्रभावितों से मुलाकात के बाद जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूधंसाव के कारण जिन भवनों में अत्यधिक दरारें आ गई हैं, उन्हें खाली करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
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हिमांशु खुराना ने कहा- रविवार को प्राथमिक जांच की गई, जिसके दौरान मैंने संकटग्रस्त इमारतों का दौरा किया और वहां रह रहे निवासियों से बात की। कर्णप्रयाग के धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का एक विस्तृत सर्वेक्षण भी जल्द आयोजित किया जाएगा। एसडीआरएफ फंड से प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री बांटने की व्यवस्था की जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं लेकिन दरारें आने और भूधंसाव की घटनाएं थम नहीं रही हैं। जोशीमठ में नरसिंह मंदिर से बदरीनाथ को जोड़ने वाले राजमार्ग पर नयी दरारें उभर आई हैं।
‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ के प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोशीमठ में नरसिंह मंदिर से होकर बदरीनाथ जाने वाली सड़क पर ये नई दरारें बीते तीन दिनों के दौरान उभरी हैं।
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जिलाधिकारी ने भवनों में दरारों की निगरानी के लिए ‘क्रेकोमीटर’ लगाए जाने के भी निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण टीम के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में भवनों का विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा।
जो लोग किराए पर जाना चाहते हैं, उन्हें छह महीने तक किराया भी दिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में भूधसांव से 28 भवन प्रभावित हुए हैं। वहीं, सुभाष नगर एवं अपर बाजार में भी कुछ भवनों में दरारें आई हैं।