दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। बवाना वार्ड 30 से ‘आप’ के पार्षद पवन सहरावत ने शुक्रवार को वोटिंग से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पवन ने ‘आप’ पर करप्शन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां उनका दम घुट रहा था।
250 सदस्यों वाले सदन में अब बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है। दिसंबर में हुए चुनाव में ‘आप’ को 134 वार्ड में जीत मिली थी, जबकि बीजेपी ने 104 वार्ड पर कब्जा किया था। बाद में एक निर्दलीय पार्षद भी बीजेपी में शामिल हो गया था और उसकी संख्या बढ़कर 105 हो गई थी।
शुक्रवार को एमसीडी में स्टैंडिग कमिटी के छह सदस्यों का चुनाव होना है। इसके अलावा 12 जोन से 12 और सदस्य चुने जाएंगे, जिसमें एलजी की ओर से नामित 10 पार्षद भी वोट कर सकेंगे।
मेयर और डिप्टी मेयर पद पर ‘आप’ ने आसानी से जीत हासिल कर ली है। हालांकि, स्टैंडिंग कमिटी में भाजपा के समीकरण मजबूत नजर आ रहे हैं। स्टैंडिंग कमिटी को एमसीडी का असली ‘पावर सेंटर’ कहा जाता है।
ऐसे में यदि बीजेपी ने इस पर कब्जा कर लिया तो एमसीडी में ‘आप’ की जीत अधूरी रह जाएगी और उसे अपने हिसाब से कामकाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि स्टैंडिंग कमिटी का चुनाव जीतने के लिए दोनों पार्टियां हर दांव आजमा लेने को तैयार हैं।
दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की मौजदूगी में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद पवन ने कहा कि एमसीडी चुनाव में हंगामा करने के लिए दबाव डाला जा रहा था।
उन्होंने कहा कि स्टैंडिंग कमिटी चुनाव से पहले पार्टी के पार्षदों को वह सब करने को कहा गया था जो मीडिया के जरिए सबने देखा। पवन ने कहा कि पार्टी में भ्रष्टाचार की वजह से उन्होंने दूरी बना ली है। इसके अलावा एमसीडी में मारपीट और हंगामे को भी उन्होंने मोहभंग का कारण बताया।