बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2023-24 की वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) के लिए विद्युत नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव को आयोग ने स्वीकार कर लिया है।
इस प्रस्ताव में बिजली कंपनियों द्वारा 18 से 23 फीसदी तक बिजली दरें (Electricity rates) बढ़ाने का मुद्दा प्रमुखता से रखा है। अब नियामक आयोग तय प्रक्रिया के तहत इस मामले में सुनवाई कर अगले 120 दिन के अंदर अपना फैसला सुनाएगा।
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विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य वीके श्रीवास्तव ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि प्रस्ताव में इंगित जिन कमियों पर जवाब अभी तक बिजली कंपनियों ने दाखिल नहीं किया है वह दाखिल करें। बिजली दरों पर आम जनता की सुनवाई अप्रैल 2023 से शुरू होगी।
अब बिजली कंपनियों द्वारा अगले तीन दिन में प्रस्तावित वृद्धि की दरों को समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जाएगा। जिसके बाद उपभोक्ताओं से आपत्तियां और सुझाव लिए जाएंगे, इसके लिए उपभोक्ताओं को 15 दिन का समय मिलेगा।
उपभोक्ताओं की आपत्तियां व सुझाव के बाद आयोग सुनवाई शुरू करेगा। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में अपना फैसला दे सकता है। एआरआर को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के बाद 120 दिन के अंदर आयोग द्वारा फैसला देने का नियम है।