दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार देर रात जीटीबी अस्पताल, जग प्रवेश चंद्र और अरुणा आसफ अली अस्पताल का औचक दौरा किया। इस दौरान अस्पतालों में कई वरिष्ठ डॉक्टर ड्यूटी से नदारद मिले।
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स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को मरीजों के इलाज और जांच के लिए सीधे बड़े अस्पतालों में रेफर करने की परिपाटी से बचने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को अनावश्यक तरीके से बड़े अस्पतालों में रेफर करने के बजाय अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर भी छोटे अस्पतालों में अच्छे इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करें।
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स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा- दिल्ली के छोटे अस्पताल भी प्राइवेट लैब में मरीजों को एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियो न्यूक्लोटाइड स्कैन सहित अन्य टेस्ट के लिए भेज सकते हैं। डाक के तहत ये सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। भारद्वाज ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आदेश है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को इलाज और मेडिकल जांच के लिए दर-दर न भटकना पड़े।
सौरभ भारद्वाज ने अस्पतालों के विभिन्न वार्डों में मरीजों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस दौरान अस्पतालों में कई वरिष्ठ डॉक्टर नदारद मिले, इस पर नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य ने अनुपस्थित डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि अस्पतालों में कई मरीजों की बैडशीट नहीं बदली गई थी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंदी बैडशीट पर लेटने से मरीजों में संक्रमण की संभावना बनी रहना लाजिमी है।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिको-लीगल मामलों में कानूनी प्रक्रिया तुरंत पूरा होते ही मरीजों को तत्परता से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल प्रशासन को अव्यवस्थाओं को दूर कर मरीजों को किफायती व गुणावत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने और साफ-सफाई की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाले आहार की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।