• फिक्की फ्लो के ‘आशा की किरण’ कार्यक्रम में लिया भाग
लखनऊ। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री व मॉडल लीजा रे (Lisa Ray) का जीवन संघर्ष से भरा रहा। जिंदगी की धूप छांव के बीच उन्होंने अपने आत्मविश्वास को कायम रखा और हौसले के साथ दुख का सामना किया।
फिक्की फ्लो (FICCI FLOW) लखनऊ चैप्टर द्वारा होटल हयात में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपने जीवन के उतार-चढ़ाव के बहुत से अनुभव फ्लो सदस्यों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि सुख-दुख आते-जाते रहते हैं। इन सबके बीच अपनी शर्तों पर जीवन जीने के लिए आपमें आत्मविश्वास जरूरी है।
ग्लैमर की दुनिया का चमकता सितारा रहीं लीजा रे बताती हैं कि उनके जीवन में जब भी संकट आया उन्होंने उससे मुंह मोड़ने की बजाय उसका डटकर सामना किया। अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा में उनकी मां सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, तब वह छोटी थीं। जब वह बड़ी हुईं तो मॉडलिग की दुनिया में कदम रखा और कई अवार्ड जीते।
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मां की सेवा करते करते वह इतनी मजबूत हो गईं कि दुखों से लड़ने की हिम्मत आई। जब पता चला कि उन्हें कैंसर है तो उन्होंने इस पर विजय प्राप्त करने की ठान ली उस का मजबूती से सामना किया। जीने की आस नहीं छोड़ी और बीमारी को हरा दिया। अब उनके जीवन का उद्देश्य सफल लेखक बनना है।
उनकी एक किताब क्लोज टू द बोन : ए मनोर प्रकाशित हो चुकी है, इसके अलावा वह कई किताबें लिखने पर काम कर रही हैं। कार्यक्रम में ज्योत्सना हब्बीबुल्ला, सुरभि समेत फिक्की फ्लो के अन्य सदस्यों ने उनसे प्रश्न पूछे। लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन स्वाति वर्मा जिन्होंने इस कार्यक्रम को होस्ट किया और लीज़ा रे को ग्रीन सार्टिफिकेट दिया।
इस मौके पर पूर्व चेयरपर्सन रेनुका टंडन, पूजा गर्ग, आरुषि टंडन, सीमू घई, सीनियर वाइस चेयरपर्सन विभा अग्रवाल, वाइस चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल, विनीता यादव, स्वाति मोहन, स्मृति गर्ग, सिमरन साहनी, शमा गुप्ता समेत 200 से अधिक सदस्य मौजूद रहे।