मराठा छत्रप शरद पवार को रविवार को उस वक्त करारा झटका लगा, जब लंबी खींचतान के बाद भतीजे अजित पवार ने एकनाथ शिंदे और भाजपा की सरकार को समर्थन कर दिया। झटपट 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली और अजित पवार गुट का दावा है कि वही एनसीपी हैं क्योंकि 53 विधायकों में से 37 उनके साथ हैं।
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इस बीच शरद पवार का कहना है कि उन्हें विधायकों को छोड़कर जाने का दुख नहीं है। 82 वर्षीय शरद पवार ने कहा कि चुनाव जब आएगा तो इन लोगों की किस्मत का फैसला हो जाएगा। क्या आपसे भाजपा के साथ जाने के लिए कुछ विधायकों ने कहा था? इस सवाल पर शरद पवार ने कहा था कि मुझसे किसी ने कोई बात नहीं की थी।
सीनियर पवार ने कहा कि एनसीपी तो पूरी तरह हमारे साथ है। पवार ने कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं, उन्होंने उन्हें कुछ नहीं बताया। शरद पवार ने इस दौरान नेता विपक्ष को लेकर कहा कि जिसके पास सबसे ज्यादा विधायक होंगे, उसका ही नेता होगा। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा विधायक होंगे तो फिर उनका ही नेता होगा।
इस बीच कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर हमारी दावेदारी मजबूत है। कांग्रेस का कहना है कि जब अजित पवार दावा कर रहे हैं कि उनके पास एनसीपी के 40 विधायक हैं। ऐसे में एनसीपी के पास 13 ही विधायक बचे हैं और विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस बन गई है। इसलिए हमें ही नेता विपक्ष का पद मिलना चाहिए।
इस बीच अजित पवार गुट ने कदम और आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र में एनसीपी का प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे को घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल अजित पवार गुट का दावा है कि 40 विधायक उनके साथ हैं। इसलिए उनका गुट ही असली एनसीपी है। उन्होंने सिंबल और नाम पर दावे के लिए चुनाव आयोग का रुख किया है। वहीं शरद पवार खेमे ने अजित पवार के शपथ समारोह में जाने वाले तीन नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। फिलहाल यही साफ नहीं है कि पार्टी किसके पास है और दोनों गुट एक-दूसरे को नकली एनसीपी बता रहे हैं।