उन्नाव के सोहरामऊ में घर से दूर कॉलेज में पहले दिन की पढ़ाई के बाद गांव वापसी का सफर दो बहनों का आखिरी सफर बन गया। वे भ्रमवश उन्नाव में झांसी पैसेंजर की जगह झांसी इंटरसिटी ट्रेन में सवार हो गई थीं।
गांव के स्टेशन जैतीपुर में ट्रेन नहीं रुकी तो दोनों घबरा कर कूद गईं। एक की तत्काल तो दूसरी की कुछ देर बाद मौत हो गई। मेधावी बच्चियों की मौत से इलाके के कई गांवों में मातम है। सोहरामऊ थाना क्षेत्र के देवरा गांव के संजय बाजपेई की बेटियां दिव्या (16) और सौम्या (14) ने इसी साल जैतीपुर के स्कूल से 10वीं और आठवीं कक्षा पास की थी। दोनों ने आगे की पढ़ाई के लिए उन्नाव जीजीआईसी में 11वीं और 9वीं में प्रवेश लिया था।
संजय की दोनों बेटियां सौम्या व दिव्या होनहार थी। बेटियों की इच्छा साइंस पढ़ने की थी तो संजय ने उनका एडमीशन शहर के जीजीआईसी में करा दिया। प्लान यह था जैतीपुर से सुबह की पैसेंजर ट्रेन से दोनों स्कूल जाएंगी और शाम को पैसेंजर से ही लौटेंगी। दोनों बहनें शुक्रवार को पहले दिन स्कूल गई पर घर नहीं लौटीं। उनकी मौत की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। पूरा गांव सन्नाटे में आ गया।
संजय की बड़ी बेटी नित्या आर्ट साइड से नवाबगंज में पढ़ाई कर रही है, जबकि दूसरे नंबर की दिव्या जैतीपुर से कक्षा दस और सौम्या ने गांव के निजी स्कूल में कक्षा आठ पास किया था। दोनों ने पिता से साइंस साइड से आगे की पढ़ाई की इच्छा जाहिर की। बेटियों की इच्छा देख पिता ने मना नहीं किया और बेटियों का उन्नाव के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में दाखिला करवा दिया था।
शुक्रवार को कालेज का पहला दिन था। पढ़ाई के बाद दोनों को झांसी पैसेंजर ट्रेन से गांव लौटना था, जो जैतीपुर में रुकती है। दोनों बहनें स्टेशन पहुंचीं और भ्रमवश झांसी पैसेंजर की जगह झांसी इंटरसिटी ट्रेन में सवार हो गईं। ट्रेन जैतीपुर में नहीं रुकी तो दोनों चलती ट्रेन से कूद पड़ीं। रेलवे क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी। भीड़ जुट गई। सोहरामऊ पुलिस दोनों बहनों को सीएससी ले गई, जहां सौम्या को मृत घोषित कर दिया। लखनऊ ट्रामा सेंटर ले जाते समय दिब्या ने भी दम तोड़ दिया।