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100 से 200 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा टमाटर , जानकर लोगो में मचा हडकंप

न दिनों टमाटर इतना महंगा हो गया है कि मध्यमवर्ग की रसोई में इसका दुर्लभ होना वाजिब है। अलग-अलग जगहों पर कहीं 100 से लेकर 200 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा टमाटर का बार-बार महंगा होना लगभग हर साल की बात हो गयी है।

कभी मौसम की मार तो कभी बाजार की बेरहमी से पिसता किसान हर बार टमाटर की महंगाई का दंस झेलता है। ऐसे में राहत भरी खबर बिहार के पूर्वी चंपारण से आ रही है। यहां के किसान इन दिनों काशी अमन व आदर्श टमाटर उगा रहे हैं। इसकी विशेषता यह है कि चाहे सूखा पड़े या पाला गिरे, टमाटर की फसल हर हालत में लहलहाएगी। बरसात या बाढ़ के पानी से भी यह टमाटर खराब नहीं होगा।

काशी के इन टमाटरों की खासियत यह है कि यह 4 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ हर मौसम में भरपूर उत्पादन देगा। इसकी एक और खासियत है कि जंगली प्रजाति के टमाटर के जीन के जरिए इसमें और सुधार संभावित है। जल्द नई प्रजाति किसानों के बीच होगी। कृषि विज्ञान केंद्र (केविके) के पौधा वैज्ञानिक डॉक्टर विद्या चानू ने बताया कि सूखा प्रतिरोध जीन को टमाटर की उन्नतशील किस्म ‘काशी विशेष’ में स्थानांतरित किए जाने पर इसने सूखा प्रतिरोध प्रदर्शित किया। भारतीय सब्जी अनुसंधान में चल रहे शोध में सामने आई ‘काशी अमन’ ने चार डिग्री तापमान में पांच दिनों तक सहनशीलता दिखाई। जल भराव वाले क्षेत्रों में भी इन प्रजातियों के उत्पादन पर असर नहीं पड़ा।

टमाटर का स्वाद भी खट्टे और मीठे के सामंजन जैसा है। डॉ. चानू ने बताया कि जैविक खेती से बेहतर उत्पादन के साथ स्वास्थ्य के लिए भी यह फायदेमंद है। खेत में लगे टमाटर की एक शाखा पर 10 से 12 फल तथा एक पौधा में 10 -12 शाखाओं पर लगभग 120 से 125 फल लगते हैं। बताया कि इसकी खेती में गाय का गोबर, 20-30 दिन पर जीवामृत व लाही या अन्य व्याधियों से बचाव के लिए निमास्त्र का उपयोग किया गया।

टमाटर की उत्कृष्ट प्रजाति अमन किसानों की आमदनी बढ़ाएगी। इसके लिए केविके किसानों पौधा उपलब्ध करा रहा है। बरसात के मौसम में भी नई तकनीक से केविके किसानों के खेतों में पौधे लगा रहा है। इन गुणों से भरपूर टमाटर की नई प्रजाति की काशी के वैज्ञानिकों ने खोज की है।

किसानों के लिए टमाटर की उन्न्त खेती के लिए काशी के कृषि वैज्ञानिकों ने खास अमन और आदर्श नाम के टमाटर को विकसित किया है। कृषि विज्ञान केंद्र के हेड डॉ.अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि किसानों के खेतों में तीन हजार टमाटर के नये प्रभेद के बिचड़े और केविके में ट्रायल के रूप में इसकी खेती की गई। खरीफ मौसम में दो हजार किसानों के खेतों में इसकी खेती का लक्ष्य रखा गया है।

ट्रायल के रूप में केविके में दो प्रभेदों काशी अमन व काशी आदर्श की खेती की गई थी। जिले के किसानों के खेतों में भी करीब तीन हजार पौधे लगाये गये। इसमें एक एकड़ में 10-12 टन के हिसाब से उत्पादन हुआ।

वैज्ञानिक डॉ. चानू ने बताया कि काशी अमन का एक पौधा 4.5 व काशी आदर्श का एक पौधा 6.5 किलोग्राम उत्पादन दिया। यह अधिकतम है। बताया कि इन प्रभेदों की प्राकृतिक खेती की गई। इस खेती में पूरी तरह जैविक खादों का उपयोग किया गया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने व फसल को रोग से बचाव को लेकर केविके किसानों के खेतों तक तकनीक पहुंचायेगा।

 

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