मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सिंधिया परिवार को गद्दार बताए जाने पर भड़के ज्योतिरादित्य ने भी अब कांग्रेस से सवाल पूछते हुए पलटवार किया है।
सिंधिया ने पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा की गई उनकी आलोचना पर कहा है कि अगर ऐसा था तो उनके पिता और उन्हें कांग्रेस में क्यों शामिल किया गया था? उन्होंने कहा, ” देखो वे अपना काम करेंगे। जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है, उन्हें जो बोलना है बोलने दीजिए। मेरे और मेरे परिवार के कर्म, विचार और विचारधारा ग्वालियर, ग्वालियर संभाग, मध्य प्रद्रेश और राष्ट्र के लिए समर्पित हैं। .. यदि उन्हें इतनी ही चिंता थी तो उन्होंने मेरे पिताजी (माधवराव सिंधिया), और फिर मुझे कांग्रेस में क्यों शामिल किया।”
शुक्रवार को रैली में प्रियंका के बोलने से पहले विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “पहले इस परिवार (सिंधिया) ने लक्ष्मीबाई को धोखा दिया और फिर 1967 में कांग्रेस को धोखा दिया (जब ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिरा दिया) और अब अपनी संपत्ति बचाने के लिए 2020 में कांग्रेस की सरकार गिराकर विश्वासघात किया।”
उन्होंने आरोप लगाया, “लक्ष्मीबाई ने यहीं अंतिम सांस ली। भिंड की जनता ने उनका समर्थन किया। वह ग्वालियर के महाराज के अनुरोध पर यहां आई थीं। अगर लक्ष्मीबाई को साथ मिलता तो आजादी 100 साल पहले ही आ गई होती। विश्वासघात का इतिहास दोहराया जा रहा है।
प्रियंका गांधी की ग्वालियर यात्रा के दौरान स्मारक पर पोस्टर लगाए गए थे कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सिंधियाओं ने रानी लक्ष्मीबाई तथा 1969 और 2020 में कांग्रेस को धोखा दिया। इन पोस्टरों को पुलिस ने हटा दिया।