Breaking News

लखनऊ विश्वविद्यालय में मनाई गई स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ

लखनऊ। आज कुलपति आलोक कुमार राय के कुशल नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़े ही भव्यता और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता दिवस की 77वी वर्षगाँठ मनायी। तय कार्यक्रम के तहत सुबह कुलपति ने अपने निवास पर तिरंगा फहराने के पश्चात विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक आर्ट्स क्वार्ड्रैंगल में तिरंगा फहराया।

आज माननीय कुलपति आलोक कुमार राय के कुशल नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़े ही भव्यता और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता दिवस की 77वी वर्षगाँठ मनायी । प्रातः कुलपति जी ने अपने निवास पर तिरंगा फहराने के पश्चात विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक आर्ट्स क्वार्ड्रैंगल में तिरंगा फहराया। अपने उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कलम आज उनकी जय बोल "से राष्ट्र पर बलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रभक्तों को याद करते हुए "अरुण यह मधुमय देश हमारा", जयशंकर प्रसाद की इन पंक्तियों से सभी को भारत के स्वर्णिम अतीत का स्मरण कराते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए तत्पर होने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय की अनेकानेक उपलब्धियों के साथ नित्य नवीन उचाइयों को प्राप्त करने के लिए कुलपति जी ने सभी का आह्वाहन किया । कुलपति जी ने वृहत वृक्षारोपण कर नव सृजन का संदेश दिया । इस अवसर पर देशभक्ति से सराबोर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत सदाबहार गीत "ए मेरे वतन के लोगों " और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा देश भक्ति गीतों से हुई। डॉ सुनीता श्रीवास्तव, डॉ श्रुति , डॉ वैशाली सक्सेना, डॉ मीरासिंह, डॉ कुसुम यादव ,डॉ मानिनी श्रीवास्तव, डॉ किरणलता डंगवाल, एनसीसी के कैडेट्स एवं छात्र-छात्राओं ने बड़े गर्व के साथ प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण लघु नृत्य सृंजना ‘मैं रहू या ना रहू , ये देश रहना चाहिए ‘ का मंचन सांस्कृतिकी के माध्यम से किया जिसने सभी को देशभक्ति भावों से ओतप्रोत कर दिया। कार्यक्रम में मैडम कुलपति, सभी संकायाध्यक्ष , विभागाध्यक्ष, निदेशक, डीन छात्र कल्याण, मुख्य अभिरक्षक, सभी हॉस्टल के प्रोवोस्ट के साथ छात्र, शिक्षक, एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।

अपने उद्बोधन में कुलपति ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता “कलम आज उनकी जय बोल” से राष्ट्र पर बलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रभक्तों को याद करते हुए “अरुण यह मधुमय देश हमारा”, जयशंकर प्रसाद की इन पंक्तियों से सभी को भारत के स्वर्णिम अतीत का स्मरण कराते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए तत्पर होने का आह्वान किया।

उन्होंने विश्वविद्यालय की अनेकानेक उपलब्धियों के साथ नित्य नवीन उचाइयों को प्राप्त करने के लिए सभी का आह्वाहन किया। कुलपति ने वृहत वृक्षारोपण कर नव सृजन का संदेश दिया। इस अवसर पर देशभक्ति से सराबोर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत सदाबहार गीत “ए मेरे वतन के लोगों ” और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा देश भक्ति गीतों से हुई।

आज माननीय कुलपति आलोक कुमार राय के कुशल नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़े ही भव्यता और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता दिवस की 77वी वर्षगाँठ मनायी । प्रातः कुलपति जी ने अपने निवास पर तिरंगा फहराने के पश्चात विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक आर्ट्स क्वार्ड्रैंगल में तिरंगा फहराया। अपने उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कलम आज उनकी जय बोल "से राष्ट्र पर बलिदान करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रभक्तों को याद करते हुए "अरुण यह मधुमय देश हमारा", जयशंकर प्रसाद की इन पंक्तियों से सभी को भारत के स्वर्णिम अतीत का स्मरण कराते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए तत्पर होने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय की अनेकानेक उपलब्धियों के साथ नित्य नवीन उचाइयों को प्राप्त करने के लिए कुलपति जी ने सभी का आह्वाहन किया । कुलपति जी ने वृहत वृक्षारोपण कर नव सृजन का संदेश दिया । इस अवसर पर देशभक्ति से सराबोर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत सदाबहार गीत "ए मेरे वतन के लोगों " और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा देश भक्ति गीतों से हुई। डॉ सुनीता श्रीवास्तव, डॉ श्रुति , डॉ वैशाली सक्सेना, डॉ मीरासिंह, डॉ कुसुम यादव ,डॉ मानिनी श्रीवास्तव, डॉ किरणलता डंगवाल, एनसीसी के कैडेट्स एवं छात्र-छात्राओं ने बड़े गर्व के साथ प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण लघु नृत्य सृंजना ‘मैं रहू या ना रहू , ये देश रहना चाहिए ‘ का मंचन सांस्कृतिकी के माध्यम से किया जिसने सभी को देशभक्ति भावों से ओतप्रोत कर दिया। कार्यक्रम में मैडम कुलपति, सभी संकायाध्यक्ष , विभागाध्यक्ष, निदेशक, डीन छात्र कल्याण, मुख्य अभिरक्षक, सभी हॉस्टल के प्रोवोस्ट के साथ छात्र, शिक्षक, एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।

डॉ सुनीता श्रीवास्तव, डॉ श्रुति, डॉ वैशाली सक्सेना, डॉ मीरासिंह, डॉ कुसुम यादव, डॉ मानिनी श्रीवास्तव, डॉ किरणलता डंगवाल, एनसीसी के कैडेट्स एवं छात्र-छात्राओं ने बड़े गर्व के साथ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण लघु नृत्य सृंजना ‘मैं रहू या ना रहू, ये देश रहना चाहिए’ का मंचन सांस्कृतिकी के माध्यम से किया जिसने सभी को देशभक्ति भावों से ओतप्रोत कर दिया।

👉स्वाधीनता संग्राम के अमर नायक: झलकारी बाई और पूरन कोरी

कार्यक्रम में मैडम कुलपति, सभी संकायाध्यक्ष , विभागाध्यक्ष, निदेशक, डीन छात्र कल्याण, मुख्य अभिरक्षक, सभी हॉस्टल के प्रोवोस्ट के साथ छात्र, शिक्षक, एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.

About Samar Saleel

Check Also

Navyug Kanya Mahavidyalaya: बीएड विभाग में विदाई समारोह संपन्न

लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय (Navyug Kanya Mahavidyalaya) राजेंद्र नगर के बीएड विभाग (BEd Department) के ...