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सोशल मीडिया पर धमकी भरे वीडियो को लेकर क्या कह रहे हिंदू

भारत और कनाडा के संबंधों में आए तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल है जिनमें एक समुदाय से कनाडा छोड़ने को कहा गया है.

इस वीडियो के सामने आने के बाद कनाडा की सरकार ने कहा है कि वो इसकी कड़ी आलोचना करती है और ‘कनाडा की ज़मीन पर इस तरह की नफ़रत की कोई जगह नहीं है.’

कनाडा में रह रहे हिंदुओं के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो को लेकर वहां के नेताओं से लेकर आम नागरिक तक इस पर चर्चा कर रहे. वहां रहने वाले कई हिंदू भी इसे मामले को लेकर ‘डरे होने’ की बात कर रहे हैं.

शुक्रवार को कनाडा के पब्लिक सेफ्टी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक दो पोस्ट किए और लिखा, “कनाडा में नफ़रत के लिए कोई जगह नहीं है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें कनाडा के हिंदुओं को देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया है. ये अपमानजनक और नफ़रत से प्रेरित है. यह कनाडा के लोगों और हमारे उन मूल्यों का अपमान है जिन्हें हम बेहद अहम मानते हैं.”

एक अन्य पोस्ट में मंत्रालय ने लिखा, “आक्रामकता, नफ़रत, धमकी देना या डर फैलाने जैसी गतिविधियों के लिए देश में कोई स्थान नहीं है, ये देश को बांटने का काम करते हैं. हम कनाडा के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वो एक दूसरे का सम्मान करें और क़ानून का पालन करें. कनाडा के सभी नागरिकों को ये हक है कि वो अपने समुदायों में ख़ुद को सुरक्षित महसूस करें.”

पब्लिक सेफ्टी मंत्री

ने भी इसे दोबारा पोस्ट किया है और कहा है, ‘कनाडा में हिंदुओं को निशाना बनाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जो हमारे मूल्यों के ख़िलाफ़ है.’

वहीं वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की एक सोशल पोस्ट के जबाव में पब्लिक सेफ़्टी मंत्री हरजीत एस सज्जन ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं और सभी भारतीयों से अपील की.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कोई भी अगर आपसे ये कहता है कि आपको अपने घर में सुरक्षित रहने का अधिकार नहीं है, वो आज़ादी और दया दिखाने के उन मूल्यों को अहम नहीं मानता जिन्हें कनाडाई नागरिक बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं. किसी को ये हक़ न दें कि वो आपकी जगह और कनाडा के प्रति आपके प्यार पर सवाल उठाए.”

राजदीप सरदेसाई ने लिखा था कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है.

हिंदू संगठन ने जताई थी चिंता

इससे पहले ‘हिंदू फोरम कनाडा’ नाम के एक संगठन ने डोमिनिक लेब्लांक के नाम एक पत्र लिखकर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयानों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी.

उन्होंने इसमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह को टैग किया था और लिखा था, “18 सितंबर को प्रधानमंत्री ट्रूडो के संसद में बयान देने के बाद तनाव बढ़ गया है. पन्नू और उनके जैसे अन्य लोग, जो खालिस्तान समर्थक हैं, उन्होंने पहले भी साफ़ किया है कि वो उनकी विचारधारा से अलग लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

“प्रधानमंत्री और जगमीत सिंह खालिस्तान समर्थकों से जुड़ी घटनाओं को अभिव्यक्ति की आज़ादी कहकर उनका बचाव करते रहे हैं. लेकिन पन्नू ने भारतीय-कनाडाई लोगों ख़ासकर हिंदुओं को निशाना बनाकर जो कहा है उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसे धमकी माना जाना चाहिए. प्रधानमंत्री और जगमीत सिंह इसे हेट क्राइम करार दें.”

इससे पहले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा था, “कनाडा के हिंदू कनाडा के प्रति अपनी वफ़ादारी साबित करें या फिर वापस इंडिया चले जाएं. खालिस्तान समर्थक सिख कनाडा के प्रति वफ़ादार हैं और यहां के संविधान को मानते हैं.”

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