लखनऊ। स्वातंत्रय समर, राष्ट्र विभाजन व राष्ट्र रक्षा में शहीद ज्ञात-अज्ञात बलिदानियों को श्रद्धार्पण के लिए एक बैठक हजरतगंज लखनऊ में सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए विश्वपुरोहित परिषद के अध्यक्ष डॉ विपिन पांडेय ने कहा कि भारत वर्ष की सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति श्रद्धार्पण की सुदीर्घ परम्परा है। इसीलिए क्रांतिवीरों-शहीदों को तिलांजलि शब्दांजली समर्पित करेंगे। इसके लिए पितृ पक्ष अमावस्या तदनुसार 14 अक्टूबर 2023 को 11:30 बजे गोमती तट स्थित शहिद स्मारक पर शहीद पितृ श्रद्धा नमन-शहीद श्राद्ध किया जाएगा।
सुमंगलम परिवार के महासचिव साधक राजकुमार ने कहा कि स्वतंत्र एवं समृद्ध राष्ट्र जिसका ध्येय था, उन शहीद पितरों को श्रद्धंजलि अर्पित करने का हम सभी ने संकल्प लिया है। भारतीय परंपरा में सकल लोक मंगल के लिए तर्पण अनुष्ठान का विशेष महत्व है। जिनका बलिदान हम सबके स्वर्णिम भविष्य की आधार शिला थी, गोमती तट स्थित शहीद स्मारक पर उन शहीद पितरों को तर्पण वंदन कर शहीद पित्र श्रद्धा नमन-शहीद श्राद्ध किया जाएगा।
कर्तव्या फाउंडेशन के महासचिव डॉ हरनाम सिंह ने कहा कि जिन हुतात्मा क्रांतिवीरों के लहू-दीप से आज राष्ट्र जीवन सत्तत आलोकित है, उन भारत माता के वीर सपूतो के त्याग, बलिदान व समर्पण को नमन करना हमारा राष्ट्रीय दायित्व एवं पुनीत कर्त्व्य है। जिसमे लखनऊ के गणमान्य नागरिक, सामाजिका संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित होकर कृतज्ञ भाव से क्रांतिवीरो को अपनी श्रद्धार्पण करेंगे।
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बैठक में अक्षय वट संस्था के अध्यक्ष डॉ चेतनारायण सिंह, लक्ष्य भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष इंजीनियर अवधेश प्रताप सिंह, सेवा समर्पण संस्थान से गजेंद्र सिंह, श्री बालाजी फाउंडेशन के अध्यक्ष शत्रुघ्न, अवकाश प्राप्त सैनीक विमल कुमार और उत्तम कुमार सहित सभी ने संकल्प लिया कि इस आयोजन-अनुष्ठान के लिए जागरुकता और पितृपक्ष में एक लोटा जल अपने पूर्वजों के साथ शहीदों को समर्पित करेंगे।