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हर महीने बचेगा बीमारी का पैसा, होगा फायदा ही फायदा

• औरैया में स्कूली बच्चों को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना के फायदे बता गया नुक्कड़ नाटक
• नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से आयोजित ‘जल ज्ञान यात्रा’ में शामिल हुए स्कूली बच्चे
• सौर ऊर्जा से संचालित ओवर हैड टैंक पर गये, जल जांच प्रयोगशाला में पानी गुणवत्‍ता की जांच को नजदीक से देखा
• स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में पकड़े स्कूली बच्चों ने ग्रामीणों को जल संरक्षण व संचयन का संदेश भी दिया

औरैया। यमुना नदी के तट पर बसे औरैया जिले में जल जीवन मिशन की ”हर घर जल योजना” से आए बदलाव को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समझकर स्कूली बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ढोलक की थाप पर अभिनय करते कलाकारों ने हर घर में नल कनेक्शनन पहुंचने से गांव वालों को हो रहे फायदे गिनाए। बताया कि अब महीने में बीमारी पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा।

स्वच्छ पेयजल मिलने से स्वास्थ भी सुधरेगा और भविष्य भी। बुधवार को वीर स्‍थली औरैया में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से भावी पीढ़ी को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का सहभागी बनाने के लिए जल ज्ञान यात्रा का आयोजन किया गया।

हर महीने बचेगा बीमारी का पैसा, होगा फायदा ही फायदा

जल ज्ञान यात्रा की शुरूआत सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने जल निगम कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर की। अधिशासी अभियंता अरूण कुमार सिंह भी यहां मौजूद रहे। बड़ी संख्या में परिषदीय स्‍कूल के साथ निजी स्‍कूल के छात्र भी जल ज्ञान यात्रा शामिल हुए।

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हर महीने बचेगा बीमारी का पैसा होगा फायदा ही फायदा

स्कूली बच्चों को शेरपुर सरैया स्कीम, भाग्यनगर में ओवर हैड टैंक का भ्रमण कराया गया। यहां बच्चों को हर घर जल योजना से की जा रही पेयजल सप्लाई की जानकारी दी गई। इसके बाद स्कूली बच्चों को जल जांच प्रयोगशाला ले जाया गया। जल जांच प्रयोगशाला में स्कूली बच्चों ने पानी गुणवत्‍ता की जांच को भी पहली बार देखा।

हर महीने बचेगा बीमारी का पैसा, होगा फायदा ही फायदा

पानी को पीने लायक बनाने की प्रक्रिया उनके लिए एकदम नई थी। इसलिए उनके अन्दर एक-एक चीज जानने का उत्साह भी दिखाई दिया। उनकाे जल जीवन मिशन की ‘हर घर जल’ योजना से पहुंच रहे स्वच्छ पेयजल से गांव-गांव में आए बदलाव की भी जानकारी दी गई। एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं ने फील्ड टेस्ट किट से पानी की 11 तरह की जांच करके दिखाई।

बच्चों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पेयजल की आवशयकता, महत्ता, उपलब्धता एवं गुणवत्ता की जानकारी दी गई। स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में पकड़े स्कूली बच्चों ने ग्रामीणों को जल संरक्षण व संचयन का संदेश भी दिया।

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