• कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 एवं 27 नवम्बर को
अयोध्या। राम नगरी में सप्ताह भर पडऩे वाले पर्वो की धूम रहती है। पहले अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा की जाती है। अपनी अपनी श्रद्धानुसार जिन श्रध्दालुओं से चौदह कोसी परिक्रमा हो पाती है वह चौदह कोसी परिक्रमा करते हैं। और जिन श्रध्दालुओं से पंचकोसी परिक्रमा हो पाती है। वह पंच कोसी परिक्रमा करते हैं।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु जिसमें साधु, संत, बुजुर्ग, पुरूष, महिलाएं व युवक, युवतियों के अलावा नवयुवकों द्वारा शुभ मुहूर्त में परिक्रमा उठाया (प्रारंभ) जाता हैं। और शुभ मुहूर्त के अनुसार पूरा करते हैं। राम नाम का जयकारों के साथ राम नाम जप करते हुए नंगे पांव चलते हैं। कुछ श्रदालु परिक्रमा शुरू करने से पहले भी सरयू स्नान करते हैं।
परिक्रमा पूरी होने पर स्नान दान करते हैं। कुछ परिक्रमा पूरी होने पर सरयू स्नान दान करते हैं। इसके बाद पंचकोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त होता है। कुछ श्रद्धालु पंच कोसी परिक्रमा करते हैं। नंगे पांव राम नाम जप करते मुहूर्त के अनुसार पूरा करते हैं।सरयू स्नान करते हैं। इसके बाद पडऩे वाली कार्तिक पूर्णिमा को भी लाखों श्रद्धालु सरयू स्नान करते हैं।
अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा 20 एवं 21 नवंबर की रात्रि 2:09 से 21 नवंबर की रात्रि 11:38 तक तथा पंचकोसी परिक्रमा 22 नवंबर को रात 9:25 से 23 नवंबर की शाम 7:21 तक होगी। कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवंबर को दोपहर 3:11 से शुरू होकर 27 नवंबर की दोपहर 2:36 पर समाप्त होगा।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह