दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में देव दिवाली की तैयारी जोरों पर है। सोमवार को मनाई जाने वाली देव दिवाली को भव्य बनाने के लिए यूपी सरकार घाटों को 12 लाख दीयों से रोशन करेगी।
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बाबा विश्वनाथ मंदिर को 11 टन फूलों से सजाया जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर भव्य लेजर शो का आयोजन भी योगी सरकार की ओर से किया जा रहा है। इसमें विश्वनाथ धाम, काशी और भगवान शिव की धार्मिक कथा और गाथा को पर्यटक देख और सुन पाएंगे। इस बार देव दिवाली का नजारा देखने 70 देशों के राजदूत, प्रतिनिधि और उनके परिवार के सदस्य आ रहे हैं। शानदार आयोजन में शामिल होने के लिए शहर में देश-विदेश से 8 लाख से अधिक पर्यटक आने की संभावना है।
देव दिवाली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजड़े, नौकाएं और क्रूज पहले से ही बुक किए जा चुके हैं। काशी के घाटों के किनारे ऐतिहासिक इमारतों पर लेजर शो का आयोजन होगा, जिसमें प्राचीनतम सनातन धर्म की कहानी जीवंत होती नजर आएगी। घाटों पर भगवान शिव के भजनों के लिए स्पीकर लगाए लगाए गए हैं।
इस दौरान शहर में पर्यटकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। एनडीआरएफ की कई टीमें बचाव उपकरणों के साथ विभिन्न घाटों पर मौजूद रहेंगी। वहीं श्रद्धालुओं के मुफ्त इलाज के लिए ‘वाटर एम्बुलेंस’ के साथ मेडिकल टीम मौजूद रहेंगी। वॉच टावरों से घाटों की निगरानी की जाएगी। पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बेड आरक्षित कर डॉक्टरों की टीम को अलर्ट रखा गया है।
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गौरतलब है कि दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दिवाली मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार को मनाने के लिए देवता स्वर्ग से अदृश्य रूप में काशी के पवित्र गंगा घाटों पर आते हैं और महाआरती में भाग लेने वाले भक्तों के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह त्योहार काशी की प्राचीन संस्कृति का एक विशेष हिस्सा रहा है।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी