Breaking News

ऑनलाइन बारूद, लोन वुल्फ अटैक… कमलेश तिवारी-कन्हैयालाल केस से लारेब तक क्यों हैवान बन रहे युवा?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ऐसी खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया, जैसे राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल और राजसमंद में मजदूर अफ़राजुल को दर्दनाक मौत दी गई थी. प्रयागराज में एक इंजीनियरिंग के छात्र ने बस कंडक्टर पर जानलेवा हमला किया.और पहले की घटनाओं की तरह उसने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया अपलोड किया. जिसकी बदौलत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह के खौफनाक हमलों को अंजाम देने वाले ये युवा दरिंदे कैसे बन जाते हैं? क्या वाकई कोई आकर इन्हें ट्रेनिंग देता है? इन्हें उकसाता है? क्या ऐसे हमले करने वालों को आतंकी तैयार करते हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जो इस तरह के मामलों में अक्सर उठते हैं. सवालों के जवाब और हमलों का पैटर्न जानने से पहले, आपको उन वारदातों के बारे में भी याद दिला देते हैं, जो लारेब जैसे दरिंदों ने पहले भी अंजाम दी हैं. तो सबसे पहले तो लारेब की करतूत ही जान लेते हैं.

बस कंडक्टर पर हमला
लारेब हाशमी यूपी के प्रयागराज में इंजीनियरिंग का छात्र है. घटना के दिन वो सिविल लाइंस से करछना जाने वाली बस में चढ़ा. उसने बस कंडक्टर हरिकेश विश्कर्मा से टिकट लिया. कंडक्टर के पास खुले पैसे नहीं थे तो, उसने लारेब को थोड़ी देर बाद बकाया पैसे वापस लेने के लिए कहा. उसके कहे अनुसार लारेब कुछ देर में पैसे वापस लेने कंडक्टर के पास पहुंचता है. और अचानक अपने बैग में एक चापड़ बाहर निकालता है. और कंडक्टर हरिकेश विश्कर्मा पर हमला कर देता है. बस में सवार लोगों को ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि कोई अचानक इस तरह हमला करेगा. जैसे तैसे लोगों के बीच में आने की वजह से बस कंडक्टर की जान बच जाती है.

हमले के बाद आरोपी लारेब वहां से फरार हो जाता है और कुछ घंटों बाद वो सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करता है. उसी वीडियो की वजह से पुलिस उस तक पहुंच जाती है और वो पकड़ा जाता है. स्थानीय पुलिस और आईबी उससे पूछताछ कर रही है.

पुलिस की छानबीन के दौरान लारेब का किसी आतंकी संगठन से कोई सीधा लिंक तो अभी तक नहीं मिला. लेकिन उसके लैपटॉप और मोबाइल फोन की सर्च हिस्ट्री में जिहादी वीडियो देखने की पुष्टि हुई है. लारेब हाशमी ने पूछताछ में माना कि वो पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता खादिम मौलाना हुसैन रिजवी की आइडियोलॉजी को मानता है. वो उसके वीडियो देखता था. घर पर लैपटाप में वो सबसे ज्यादा जेहादी वीडियो देखता था.

हालांकि छानबीन में ये भी पता चला है कि लारेब फोन पर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था. जांच में ये बात भी साफ हुई कि वो वीडियो के मैसेज बॉक्स में कमेंट करके पाकिस्तानी नेटवर्क से जुड़ने की कोशिश की थी. लेकिन वो नाकाम रहा. इतना ही नहीं हर 15 दिन में लारेब अपनी सर्च हिस्ट्री क्लियर करता था. उसका ब्रेन वॉश किसी और ने नहीं बल्कि उसने खुद किया. वो भी मौलाना के भड़काऊ वीडियो देखकर.

About News Desk (P)

Check Also

पथराव-फायरिंग में घायल सैकड़ों लोग छिपकर करा रहे हैं इलाज, पुलिस सरगर्मी से तलाश में

संभल। पथराव-फायरिंग में पुलिस ही नहीं, सैकड़ों उपद्रवी भी घायल हुए हैं। हालांकि, गिरफ्तारी के ...