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Lucknow University: समाज कार्य विभाग अपने पूर्व विद्यार्थीयों का करेगा सम्मान

लखनऊ। समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) भारत के समाज कार्य विषय के प्रतिष्ठित विभागों में से एक है। लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 1948 में प्रोफेसर राधा कमल मुकर्जी के नेतृत्व में समाज कार्य की शिक्षा प्रारंभ हुई। वर्ष 1972 में समाज कार्य विभाग ने एक स्वतंत्र विभाग के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।

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समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय पूरे भारतवर्ष में एक मात्र ऐसा विभाग है, जिसे सर्वप्रथम स्नातक से लेकर डीलिट् स्तर तक की डिग्री प्रदान करने का श्रेय प्राप्त है। समाज कार्य विभाग को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दिल्ली द्वारा पूरे भारतवर्ष में सर्वप्रथम उच्च अध्ययन केंद्र का दर्जा प्रदान किया गया। इस विभाग के छात्र विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करते हुए विभाग की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहे हैं।

पिछले ही वर्ष समाज कार्य विभाग के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की उपस्थिति में समाज कार्य विभाग ने अपने स्वर्ण जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसके अंतर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला चलती रही। कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुख्य हैं, उद्भव एक श्रृंखला काव्य की, तीसरे राष्ट्रीय समाज कार्य सप्ताह का आयोजन, स्वर्ण जयंती वर्ष 2022 के अंतर्गत स्वर्गीय प्रमिला श्रीवास्तव मेमोरियल फाउंडेशन का उद्घाटन जिसमें मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक रहे। इसके अतिरिक्त सामाजिक भावनात्मक उद्गम के बालिकाओं के सशक्तिकरण में भूमिका पर कार्यशाला, ऐक्यम नामक अकादमिक व सांस्कृतिक कार्निवल तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किया गया।

इस प्रकार स्वर्ण जयंती वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों से सुसज्जित रहा। जल्द ही समाज कार्य विभाग एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें विभाग की शिक्षण समिति द्वारा विभाग के विशिष्ट ख्याति प्राप्त 6 पूर्व छात्रों को सम्मानित किए जाने का निर्णय किया गया है।

विज्ञान रत्न डॉ लक्ष्मण प्रसाद, प्रो शांति के खिण्डूका, प्रो बृजमोहन, प्रो संजय भट्ट, पुष्कर सिंह धामी एवं मीरा मिश्रा सम्मानित किए जाने वाली विभूतियां हैं।

विज्ञान रत्न डॉ लक्ष्मण प्रसाद समाज कार्य विषय के प्रथम बैच 1954 के छात्र रहे हैं। इन्होंने समाज कार्य विषय में योगदान देने के अतिरिक्त अनेक वैज्ञानिक आविष्कार भी किए हैं, जिसके लिए इन्हें विज्ञान रत्न सहित सात राष्ट्रीय तीन प्रदेश स्तरीय अवार्ड प्रदान किए गए। इन्होंने गरीब बालिकाओं के लिए डॉक्टर कलाम कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर प्रयागराज दिल्ली एवं अलीगढ़ में स्थापित किए हैं। प्रोफेसर शांति के खिण्डूका समाज कार्य के दूसरे बैच 1955 के विद्यार्थी रहे हैं। प्रोफेसर खिण्डूका समाज कार्य विषय के जाने-माने विद्वान हैं। इनकी समाज कार्य विषय पर कई पुस्तकें हैं एवं रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हो चुके हैं । वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, सेंट लुइस में ये रिटायर्ड प्रोफेसर एवं डीन हैं। 1955 से 1964 तक इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में भी सहायक आचार्य के रूप में अपनी सेवा प्रदान की है।

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प्रोफेसर बृज मोहन ने समाज कार्य विभाग से 1964 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की । स्कूल आफ सोशल वर्क लुसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी में रिटायर्ड प्रोफेसर व डीन एमिरेट्स हैं। डा बृजमोहन सोशल वर्क क्रॉनिकल सोशल डेवलपमेंट इशू सहित दर्जनों जनरल के एडिटोरियल बोर्ड के मेंबर है। शिक्षण व प्रशासन के तमाम अनुभवों के साथ ही समाज कार्य विषय की अनेक किताबें व रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। प्रोफेसर संजय भट्ट ने 1977 में समाज कार्य विभाग से एमएसडब्ल्यू किया तथा पीएचडी भी इसी विभाग से पूरी की। आप दिल्ली स्कूल आफ सोशल वर्क के पूर्व विभगाध्यक्ष एवं प्रोफेसर रहे हैं। इसके साथ ही नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया जो कि समाज कार्य विषय की एक प्रतिष्ठित व बड़ी संस्था है, के फाउंडिंग मेंबर तथा पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में इसके एग्जीक्यूटिव एडवाइजर भी है समाज कार्य के प्रसिद्ध विद्वान होने के साथ ही इन्होंने चिपको आंदोलन, बाल अधिकार व मानव अधिकार के अनेक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर सहभागिता की है।

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मीरा मिश्रा ने 1992 में समाज कार्य विभाग से एमएसडब्ल्यू किया और 2011 से वर्तमान तक इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट इन इंडिया में कंट्री हेड के रूप में कार्यरत हैं। 2001 से 2006 के बीच में उन्होंने यूएनडीपी रीजनल ऑफिस का एशिया पेसिफिक में सीनियर पॉलिसी स्पेशलिस्ट के रूप में भी सेवा दी है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में कार्य करने का उनका 30 वर्ष का अनुभव रहा है। पुष्कर सिंह धामी जो वर्तमान में भाजपा के ऊर्जावान युवा नेता व 2021 से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं, ने 1997 में समाज कार्य विभाग से मानव संसाधन प्रबंधन में परास्नातक तक की डिग्री ली। छात्र राजनीति इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ही प्रारंभ की तथा छात्र जीवन में यह बेहद सुलझे एवं सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे। इनके नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। इस प्रकार समाज कार्य विभाग अपने स्वर्ण जयंती समारोह का समापन धूमधाम से इन छः पूर्व छात्रों के सम्मान व भव्य आयोजन के साथ करेगी।

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