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लोहड़ी पर इन प्रसिद्ध गुरुद्वारे पर टेंके माथा, परिवार संग करें सेवा

लोहड़ी उत्तर भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाने वाला पर्व है। खासकर पंजाब व हरियाणा में सिख समुदाय के लोग लोहड़ी का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस वर्ष लोहड़ी का त्योहार 14 जनवरी 2024 को मनाया जा रहा है। इस पर्व के मौके पर शाम के वक्त अग्नि जलाकर उसके चारों ओर परिक्रमा करते हैं और नए धान के साथ ही खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली अग्नि में अर्पित करते हैं।

सिख लोग फसल पकने की खुशी में लोहड़ी का पर्व मनाते हैं। शाम में लोहड़ी पूजा का प्लान है तो दिन के वक्त गुरुद्वारे में मत्था टेकने भी जा सकते हैं। लोहड़ी के मौके पर देश के प्रसिद्ध गुरुद्वारे में सेवा के लिए जाएं। यहां देश के कुछ प्रसिद्ध और भव्य गुरुद्वारों के बारे में बताया जा रहा है।

गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह, अमृतसर

पंजाब के अमृतसर शहर में गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह स्थित है। कहते हैं कि इस गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह ने गुरुद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने से ढक दिया था। इसी कारण इसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब

यह गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्रों तख्तों में से एक है। इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने तलवंडी साहू से जंग के बाद आराम किया था। तलवंडी साहू पंजाब के बठिंडा शहर से 28 किलोमीटर की दूरी पर है।

गुरुद्वारा श्री हरमंदिर जी, पटना

बिहार की राजधानी पटना में सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। इस गुरुद्वारे को महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था।

गुरुद्वारा शीशगंज, दिल्ली

राजधानी दिल्ली में भी प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। पुरानी दिल्ली के शीशगंज में ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। यह स्थान 9वीं पातशाही गुरु तेग बहादुर जी से जुड़ा है।

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